नई दिल्ली: श्रीलंका में शुक्रवार को आए शक्तिशाली साइक्लोन दित्वा ने भारी तबाही मचाई, जिसमें अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है और 23 नागरिक लापता बताए जा रहे हैं.
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 12 घंटों में तूफान और अधिक ताकतवर होकर द्वीप के अन्य हिस्सों की ओर बढ़ सकता है. पिछले 24 घंटों में 300 मिमी से अधिक बारिश ने कई क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन कराए, जिनमें पूर्वी और मध्य जिलों में स्थिति सबसे गंभीर है.
डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (DMC) के अनुसार, चाय उत्पादन वाले मध्य जिले बडुल्ला में देर रात हुए भीषण भूस्खलन ने कई घरों को बहा दिया. इस हादसे में 21 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. देशभर में लगभग 44,000 लोगों को स्कूलों और सरकारी शेल्टरों में स्थानांतरित किया गया है. कई परिवारों को बाढ़ के बढ़ते पानी के बीच घरों की छतों से बचाया गया.
चेन्नई स्थित IMD के रीजनल सेंटर ने तमिलनाडु के कई जिलों में तीन घंटे का येलो अलर्ट जारी किया है. IMD ने बताया कि साइक्लोन दित्वा श्रीलंका से गुजरते हुए दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है, जिससे उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में खतरा बढ़ सकता है. लोगों को तटीय क्षेत्रों से दूर रहने, घरों के अंदर सुरक्षित रहने और अफवाहों से बचने की सलाह दी गई है. मछुआरों को समुद्र में न जाने का निर्देश दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका में जान-माल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की और X पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत इस मुश्किल समय में अपने सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी के साथ खड़ा है. भारत ने तुरंत राहत भेजते हुए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि भारतीय नौसेना के INS विक्रांत और INS उदयगिरी ने कोलंबो में राहत सामग्री पहुंचा दी है.
भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. एहतियात के तौर परे देशभर में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और कई ट्रेन सेवाएं रोकी गईं है. कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज ने ट्रेडिंग समय से पहले बंद कर दी है, जबकि कहा गया है कि हालात बिगड़ने पर फ्लाइट्स को भारत के तिरुवनंतपुरम या कोच्चि एयरपोर्ट डायवर्ट किया जा सकता है
चेन्नई RMC की डायरेक्टर बी. अमुधा के अनुसार, ‘दित्वा’ नाम यमन द्वारा सुझाया गया था, जो संभवतः यमन के सोकोट्रा द्वीप पर स्थित डेटवाह लैगून से प्रेरित है. श्रीलंका अभी भी भारी बारिश, ते हवाओं और बाढ़ से जूझ रहा है, जबकि राहत और बचाव अभियान तेजी से जारी है.