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क्रोएशियाई नेता के बयान पर घमासान, बाल्कन में होगा नया संग्राम

World News: क्रोएशिया के विदेश मंत्री ने सर्बिया के राष्ट्रपति को बॉल्कन की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है. उन्होंने सर्बियाई राष्ट्रपति को रूसी सैटेलाइट करार दिया है.

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World News: क्रोएशिया के विदेश मंत्री के बयान पर सर्बिया ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. क्रोएशियाई विदेश मंत्री ने सर्बियाई राष्ट्रपति एलेक्जेंडर व्यूकिक को बाल्कन क्षेत्र में रूसी सैटेलाइट करार दिया है. विदेश मंत्री के इस बयान पर भड़के सर्बिया ने अपना विरोध पत्र भेजा है. क्रोएशिया के विदेश मंत्री गॉर्डन ग्रलिक रैडमैन ने शनिवार को कहा कि व्यूसिक को तय करना होगा कि वे किस पक्ष में हैं. क्या वे रूस की तरफ हैं या यूरोपीयन यूनियन की तरफ क्योंकि उनका रवैया स्पष्ट नजर नहीं आता वे एक साथ दो कुर्सियों पर बैठना चाह रहे हैं जो पूरे बाल्कन क्षेत्र की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है. 


1990 के दशक में यूगोस्लाविया के खूनी बंटवारे के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच पहली बार विवाद उपजा है. क्रोएशियाई विदेश मंत्री ने आगे कहा कि यदि सर्बिया रूस का सहयोगी बना रहना चाहता है तो इसमें हमें कोई समस्या नहीं है बशर्ते इससे बाल्कन की स्थिरता को नुकसान न पहुंचे. हम रूसी प्रभाव को इस क्षेत्र में स्वीकार नहीं कर सकते. 


राष्ट्रपति एलेक्जेंडर व्यूसिक और सर्बियाई प्रशासन ने क्रोएशियाई नेता के बयान की तीखी आलोचना की है. व्यूसिक ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट पर कहा कि क्रोएशिया ने हमारे आंतरिक मामलों में ही दखल नहीं दिया बल्कि सर्बियाई जनता की भी आलोचना की है. उन्होंने झूठ बोला है और हमारे लोगों को धमकाया है. उन्होंने आगे कहा कि ग्रलिक रैडमैन ने ठीक कहा कि मैं एक सैटेलाइट की तरह व्यवहार कर रहा हूं लेकि मैं बता दूं कि मैं किसी का नौकर नहीं हूं. 

अपने विरोध नोट में सर्बियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि भविष्य में क्रोएशिया नेता इस तरह की विवादित टिप्पणी से बचेंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग और अच्छे मर्यादित पड़ोसी नीति का अनुशरण करेंगे. सर्बिया की तत्कालीन सरकार मॉस्को के साथ घनिष्ठ संबंध साझा करती है. यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद भी सर्बिया ने मॉस्को का साथ दिया है और इसके बाद भी वह यूरोपियन यूनियन का सदस्य बनना चाहता है.

सर्बिया ने अपने सहयोगी रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों में शामिल होने से इंकार किया है. यूरोपीय यूनियन के अधिकारियों ने बार-बार सर्बिया को चेताया है कि यदि वह वाकई ईयू का मेंबर बनना चाहता है तो रूसी प्रभाव से दूरी बनाए. वहीं, क्रोएशिया ईयू और नाटो का सदस्य है. दोनों बाल्कन देश हाल के सालों में हथियार खरीदी की दौड़ में शामिल हुए हैं जो पूरे क्षेत्र की शांति के लिए खतरा हो सकता है.