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'मर्द को दर्द नहीं होता', दुनिया का वो देश जहां कहावत नहीं बल्कि जवान होने का सर्टिफिकेट है ये दर्दनाक रस्म

Ritual of Manhood Certification: दुनिया भर में कई जनजातियां हैं जिनकी अजीबोगरीब परंपराएं हमें हैरान कर देती हैं. ऐसी ही एक जनजाति है ब्राजील के अमेजन वर्षावन में रहने वाली 'साटेरे-मावा'. यहां लड़कों को वयस्क बनने और अपनी मर्दानगी साबित करने के लिए एक दर्दनाक परीक्षा से गुजरना पड़ता है.

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Edited By: India Daily Live
Bullet Ant Photos
Courtesy: AI Generated Image

Ritual of Manhood Certification: 'बुलेट एंट ग्लव्स' रस्म की जड़ें अमेजन की साटेरे-मावा जनजाति के इतिहास में गहरी हैं. माना जाता है कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जब उनके पूर्वज जंगलों में भोजन और आश्रय की तलाश में भटकते थे. जंगल में खतरनाक जीवों से बचने के लिए उन्हें साहसी और मजबूत बनना पड़ता था.

इस रस्म का उद्देश्य युवा लड़कों को इन चुनौतियों के लिए तैयार करना था. 'बुलेट एंट' का दर्द सहन करने की क्षमता उन्हें सिखाती थी कि वे कितना दर्द सहन कर सकते हैं और कितनी मुश्किलों का सामना कर सकते हैं.

क्यों चुनी जाती है बुलेट एंट?

'बुलेट एंट' (Paraponera clavata) दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे जहरीली चींटियों में से एक है. इनका काटना इतना दर्दनाक होता है कि इसे मधुमक्खी के काटने से भी 30 गुना ज्यादा तीव्र माना जाता है. इस रस्म में इन चींटियों का चुनाव जानबूझकर किया जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इनका जहर इतना तीव्र होता है कि यह लड़कों को तीव्र दर्द का अनुभव कराता है, जो उन्हें जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है.

क्यों है जरूरी ये बुलेट एंट की रस्म?

'बुलेट एंट ग्लव्स' रस्म केवल मर्दानगी साबित करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि यह कई अन्य महत्वपूर्ण अर्थ भी रखती है:

  • साहस और धैर्य: इस रस्म में दर्द सहन करने की क्षमता युवा लड़कों में साहस और धैर्य विकसित करती है.
  • संयम: दर्द के बावजूद शांत रहना और नृत्य करना उन्हें संयम का महत्व सिखाता है.
  • दर्द सहन करने की क्षमता: यह रस्म उन्हें जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने और दर्द सहन करने की क्षमता विकसित करने में मदद करती है.
  • सामाजिक एकजुटता: जब कोई लड़का इस परीक्षा से गुजरता है, तो पूरा समुदाय उसका उत्सव मनाता है. यह रस्म सामाजिक एकजुटता और भाईचारे को बढ़ावा देती है.

क्यों होता है इस रस्म पर विवाद?

'बुलेट एंट ग्लव्स' रस्म को लेकर कई आलोचनाएं भी हैं. कुछ लोगों का मानना ​​है कि यह रस्म क्रूर और अमानवीय है. बच्चों पर इतना दर्द देना सही नहीं है. वहीं, कुछ का मानना ​​है कि यह रस्म उनकी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है और इसे बाहरी लोगों को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है.

'बुलेट एंट ग्लव्स' रस्म अमेजन की साटेरे-मावा जनजाति की एक अनोखी परंपरा है. यह दर्दनाक जरूर है, लेकिन यह उनके लिए मर्दानगी, साहस, सामाजिक एकजुटता और जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की क्षमता का प्रतीक भी है. यह रस्म हमें यह भी सिखाती है कि हर संस्कृति और परंपरा अपनी है और हमें उनका सम्मान करना चाहिए, भले ही वे हमारी समझ से परे हों.