Nijjar Murder Case Updates: कनाडाई पुलिस ने पिछले साल जून में भारत की ओर से नॉमिनेटेड आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. कनाडाई समाचार साइट सीबीसी न्यूज ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की. रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडाई पुलिस जल्द ही इस बारे में डिटेल शेयर करेगी. 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की हत्या कर दी गई थी.
सीबीसी रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों का भारत सरकार से संबंध हो सकता है. हालांकि, निज्जर की हत्या में किसी तरह के हाथ होने की आशंका से भारत ने इनकार किया है. सितंबर 2023 में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत सरकार ने कनाडा से कहा था कि हरदीप निज्जर की हत्या जैसे कृत्यों में शामिल होना भारत सरकार की नीति नहीं है.
सीबीसी न्यूज ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से आगे कहा कि गिरफ्तार किए गए लोग 2021 के बाद अस्थायी वीजा पर कनाडा पहुंचे थे. उन्हें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का कथित सहयोगी बताया जा रहा है, जो इस समय भारत के जेल में कैद है. बिश्नोई पर मई 2022 में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश रचने का आरोप है.
सीटीवी न्यूज के अनुसार, अदालत के दस्तावेजों में गिरफ्तार किए गए तीनों संदिग्धों की पहचान करणप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ के रूप में हुई है. तीनों पर एक और हत्या मामले की साजिश का आरोप है. पिछले साल, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था. इस आरोप को भारत सरकार ने बेतुका बताते हुए जोरदार खंडन किया था.
पिछले महीने की शुरुआत में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कथित वीडियो फुटेज सामने आया था, जिसमें निज्जर को हथियारबंद लोगों की ओर से गोली मारते हुए दिखाया गया था. निज्जर को 2020 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से आतंकवादी घोषित किया गया था. उसकी ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमले में छह लोग शामिल थे.
निज्जर की हत्या के बाद से भारत-कनाडा संबंध लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं. 2 मई को, विदेश मंत्रालय ने जस्टिन ट्रूडो की मौजूदगी वाले एक सार्वजनिक कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थक नारों की निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि इससे पता चलता है कि कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को किस तरह की राजनीतिक जगह दी गई है.