भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा शनिवार को एक चौंकाने वाली घटना बनकर सामने आई. कुछ ही घंटे पहले, युद्ध का खतरा बहुत बढ़ चुका था, जब पाकिस्तान की सेनाएं सीमा के पास बढ़ती जा रही थीं और भारतीय सेना उच्च सतर्कता पर थी. लेकिन अचानक शाम होते-होते शांति का माहौल बन गया, जो सभी को हैरान कर गया. लेकिन पाकिस्तान ने संघर्षविराम के कुछ घंटों बाद ही उसने इसका उल्लंघन किया.
ज्योतिराजनीति और सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने इस संघर्ष विराम पर अपनी असहमति जताई और कहा कि भारत ने "जीत के मुंह से हार छीन ली." उनका कहना था कि भारत ने अपनी सैन्य स्थिति का सही उपयोग नहीं किया और ऐतिहासिक गलतियाँ दोहराते हुए युद्ध की स्थिति से बचने के लिए अचानक संघर्ष विराम की घोषणा की.
चेलानी ने कहा, "भारत की सैन्य स्थिति पाकिस्तान की तुलना में बहुत मजबूत थी. पाकिस्तान के हवाई रक्षा तंत्र में काफी कमजोरी थी, जिसे भारतीय ड्रोन और मिसाइल हमलों से साफ देखा जा सकता था. पाकिस्तान बहुत सारे ड्रोन और मिसाइल भेज रहा था, लेकिन उनका प्रभावी उपयोग नहीं हो रहा था. दूसरी ओर, भारत ने सीमित संख्या में ड्रोन और मिसाइल भेजे, और अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया."
भारत का सैन्य दबाव था, फिर भी संघर्ष विराम क्यों?
चेलानी ने यह सवाल उठाया कि जब भारत के पास सैन्य रूप से स्पष्ट बढ़त थी, तो क्यों उसे संघर्ष विराम की ओर बढ़ना पड़ा. उन्होंने कहा, "यह भारत की पुरानी राजनीतिक प्रवृत्ति को दिखाता है, जहाँ हम हमेशा जीत के बाद हार को अपनाते हैं."
उन्होंने इस स्थिति को इतिहास से जोड़ते हुए कहा कि भारत ने हमेशा अपनी सैन्य या कूटनीतिक स्थिति को कमजोर किया है, बिना इससे कोई ठोस रणनीतिक लाभ प्राप्त किए. "1972 में हमने युद्ध में जीत के बाद पाकिस्तान से कुछ नहीं लिया और सिर्फ बातचीत के दौरान अपनी स्थिति कमजोर कर दी. 2021 में, हमने कैलाश की ऊँचाइयाँ छोड़ दीं, जो हमारी वार्ता का एकमात्र महत्वपूर्ण मुद्दा था, और फिर हम लद्दाख में चीनी-निर्मित बफर जोन के लिए सहमत हो गए. अब 'ऑपरेशन सिंदूर' का समापन हुआ है," चेलानी ने कहा.
ऑपरेशन सिंदूर और उसकी समाप्ति
चेलानी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की समाप्ति पर भी सवाल उठाए, जो भारतीय महिलाओं द्वारा अपने मारे गए पतियों का बदला लेने का प्रतीक था. उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर की प्रतीकात्मक शक्ति थी, लेकिन पाकिस्तान ने दिल्ली पर मिसाइल भी दागी और फिर हम इस ऑपरेशन को अचानक समाप्त कर देते हैं, जिससे कई सवाल उठते हैं."
संघर्ष विराम की घोषणा
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा एक अप्रत्याशित मोड़ था. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पुष्टि की कि पाकिस्तान ने भारत से संपर्क किया और दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया. पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने भारतीय सैन्य संचालन महानिदेशक से संपर्क किया, और शाम 5 बजे से दोनों पक्षों ने अपनी फायरिंग और सैन्य कार्रवाई को रोकने पर सहमति व्यक्त की.