Israel Hamas War: टू-स्टेट सॉल्यूशन के मसले पर इजरायली प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि वह फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर कतई मान्यता नहीं देंगे. ऐसा करना क्षेत्र में आतंकवाद की फैक्ट्री तैयार करने जैसा होगा.यह एक तरीके से आतंकियों के लिए ईनाम जैसा होगा. यह फैसला समूचे क्षेत्र में अशांति और अस्थिरता का माहौल तैयार करेगा जिससे दीर्घकालिक समुचित शांति के प्रयासों को झटका लगेगा. यह क्षेत्र में इजरायली हितों को नुकसान भी पहुंचाएगा.
रविवार को येरुशलम में प्रमुख अमेरिकी यहूदी संगठनों के अध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाजा में चल रहा संघर्ष मानवता की बर्बरता और आतंक के खिलाफ लड़ाई है. हम जब तक इस पर पूर्ण विजय नहीं पा लेंगे तब तक इसे जारी रखेंगे. हमारा गाजा में सिर्फ एक ही लक्ष्य है हमास के एक-एक आतंकी को खत्म करना. गाजा में इजरायली सेना टोटल विक्ट्री के लक्ष्य हासिल करने तक नहीं रुकेगी.
बेंजामिन नेतन्याहू ने साउथ अफ्रीका द्वारा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में लाए गए गाजा नरसंहार मामले को तमाशा बताया. उन्होंने कहा कि इजरायली डिफेंस फोर्स ( IDF) युद्ध के मैदान में आमजनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है. सेना यह सुनिश्चित कर रही है कि कार्रवाई में गाजा के आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे. उन्होंने कहा कि ऐसा किसी अन्य देश की सेनाओं ने नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि जैसा दुनियाभर के तमाम देश इस जंग की समाप्ति के बाद उम्मीद कर रहे हैं कि इजरायल फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे देगा, लेकिन मैं बता दूं कि इजरायल इस तरह का कोई फैसला नहीं लेने जा रहा. फिलिस्तीन को मान्यता देना इजरायल की तात्कालिक नीति का हिस्सा नहीं है. ऐसा करना आतंक की फैक्ट्री को तैयार करने जैसा होगा. यह एक तरीके से आतंकियों को उनके अपराधों के लिए ईनाम देना होगा.