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शांति का नोबेल पुरस्कार मिलने के बाद कैसा था मारिया कोरोना मचाडो का रिएक्शन, वीडियो देखकर छलक जाएंगी आंखें

जैसे ही नॉर्वेजियन नोबेल संस्थान के निदेशक क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने मचाडो को फोन पर उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार दिए जाने के बारे में जानकारी दीं, वह भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Nobel Peace Prize
Courtesy: x

Nobel Peace Prize: वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है. नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने शुक्रवार को घोषणा की कि उन्होंने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए यह सम्मान दिया है.

पुरस्कार की खबर मिलते ही रो पड़ीं मचाडो

जैसे ही नॉर्वेजियन नोबेल संस्थान के निदेशक क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने मचाडो को फोन पर उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार दिए जाने के बारे में जानकारी दीं, वह भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है.

दरअसल, क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने विजेता की सार्वजनिक घोषणा से पहले मचाडो को फोन किया और कहा कि आपको शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इस पर मचाडो ने कहा, "ओह माय गॉड... मेरे पास शब्द नहीं हैं. यह एक आंदोलन है, पूरे समाज का संघर्ष. मैं तो बस एक व्यक्ति हूं, मैं इसकी हकदार नहीं. वेनेजुएला के लोगों की ओर से धन्यवाद. हम अभी तक नहीं पहुंचे, लेकिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं. यह हमारे लोगों के लिए सबसे बड़ा सम्मान है."

लोकतंत्र के लिए संघर्ष

58 वर्षीय इंजीनियर मचाडो को 2024 में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था ताकि वह निकोलस मादुरो को चुनौती न दे सकें. हालांकि साल 2010 में वह रिकॉर्ड वोटों से जीतकर संसद पहुंचीं. सरकार को यह रास नहीं आया और साल 2014 में उन्हें पद से हटा दिया गया. मचाडो वेंते वेनेजुएला पार्टी की प्रमुख हैं और विपक्षी गठबंधन की संस्थापक हैं. नोबेल देने वाली समिति ने कहा, "मचाडो ने लोकतंत्र की लौ को बढ़ते अंधेरे के बीच जलाए रखा."