नई दिल्लीः अफगानिस्तान की सत्ता चला रहे तालबान ने एक नया फरमान निकाला है. जिसमें उसने कहा है कि गले में पहने जाने वाली टाई को सामाजिक चलन से बाहर कर दें. यह ईसाई क्रॉस का प्रतीक है और इस्लामी पोशाक के खिलाफ है. तालिबान ने अपने फरमान में यह भी कहा कि यदि कोई अफगान नागरिक नेकटाई को रहने देखा जाता है तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा. जिसको लेकर अफगान कुलीन वर्ग में खौफ का माहौल है. आमतौर पर अफगानिस्तान में लोग कुर्ता-पायजामा पहनते हैं. नेकटाई पहनने का चलन अफगानी उच्च कुलीन वर्ग के घरानों में ही है.
जानिए क्या कहा चेतावनी में
तालिबान सरकार के निमंत्रण और मार्गदर्शन निदेशालय के डायरेक्टर हाशिम शहीद रोर ने कहा कि वह जब कभी अस्पतालों या अन्य जगहों पर जाते हैं तो वहां अफगानी मुस्लिम को टाई पहने देखता हूं जो इस्लाम में इस्लामी पोशाक के खिलाफ है. टोलो टीवी पर अपने भाषण में उन्होंने कहा कि टाई का इस्लाम में स्पष्ट उल्लेख है. इस्लाम में यह क्रॉस है. उन्होंने आगे कहा कि शरीयत में इसको लेकर आदेश है इसे तोडे़ं और खत्म करें.
यीशु की शहादत का प्रतीक है टाई
हाशिम ने टीवी चैनल्स के एंकरों के पहनावे को लेकर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि टाई अन्य धर्मों और जातियों का प्रतीक है. वहीं क्रॉस यीशु की शहादत का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि मीडिया अब यह दावा करेगा कि तालिबान इस्लाम को एक विकृत दृष्टिकोण के रूप में देखता है साथ ही वह इस्लाम धर्म का पालन उसके अनुरूप नहीं कर रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि कुरान शरीफ में मुहम्मद साहब ने भरोसा न करने वालों को जानवरों में सबसे नीच के रूप में वर्णित किया है.
दूसरे धर्मों पर किया कटाक्ष
दूसरे धर्मों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि ईसाइयों और यहूदियों के प्रति अल्लाह का तिरस्कार इतना कठिन है जो आपकी मान्यताओं को नष्ट कर देता है. उन्होंने आगे कहा कि जो लाग मुहम्मद साहब की बातों का अनुसरण नहीं करते हैं उन्हें लोगों के अधीन रहना पड़ता है और मृत्यु के बाद भयानक और दंड का सामना करते हैं.