WhatsApp Ban In Iran: ईरान और इजराइल के बीच चल रहे तनाव के बीच ईरानी सरकार ने अपने लोगों से उनके फोन से WhatsApp हटाने को कहा है. यह मैसेज ईरानी सरकारी टीवी पर प्रसारित किया गया, जहां उन्होंने दावा किया कि WhatsApp यूजर डाटा को इक्ट्ठा कर रहा है और इसे इजरायल के साथ शेयर कर सकता है. जो आरोप व्हाट्सऐप पर लगाए गए हैं उनके सपोर्ट में कोई सबूत फिलहाल नहीं दिखाया गया है.
WhatsApp ने ईरान द्वारा किए जा रहे इन सभी दावों का जोरदार खंडन किया. कंपनी ने कहा कि ये सभी बयान झूठे और भ्रामक हैं. कंपनी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के तहत काम करती है जिसका सीधा मतलब है कि मैसेज रिसीवर और सेंडर ही पढ़ सकते हैं. इन मैसेजेज को कोई और नहीं देख सकता है, यहां तक की WhatsApp भी उन्हें नहीं देख सकता. यूजर की लोकेशन से लेकर मैसेज तक कंपनी कुछ भी ट्रैक नहीं करती है और न ही उन्हें शेयर करती है. बता दें कि ईरान ने पहले भी कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर दिया है, लेकिन देश में लोग अभी भी VPN और प्रॉक्सी सर्वर के जरिए इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.
ईरान और इजरायल के बीच स्थिति और भी गंभीर हो गई है. जब से यह फैली है कि इजरायल ने जनरल अली शादमानी नाम के एक टॉप लीडर की हत्या कर दी है, तब से स्थिति गंभीर होती जा रही है. इस पर विश्व नेताओं की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी तेहरान में अमेरिकी नागरिकों से शहर छोड़ने के लिए कहकर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका युद्धविराम नहीं चाहता है, बल्कि चाहता है कि ईरान पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दे. ट्रंप ने यह भी कहा है कि उन्हें बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है और वो संघर्ष को पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं.
ईरान के टॉप सेना कमांडर जनरल अब्दुल रहीम मौसवी एक वीडियो मैसेज में कहा कि ईरान की पिछली कार्रवाइयां केवल आने वाले समय का संकेत थीं और जल्द ही और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान हाल के हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाब देगा और सजा भी देगा.