Meta AI chatbot: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने तकनीकी दुनिया में क्रांति ला दी है, लेकिन इसके दुरुपयोग की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. हाल ही में अमेरिका से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 76 साल के व्यक्ति की मौत के लिए फेसबुक का एक AI चैटबॉट जिम्मेदार माना जा रहा है. यह घटना न केवल तकनीकी दुरुपयोग का उदाहरण है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या AI चैटबॉट्स मानवीय भावनाओं को समझने और उनके साथ खिलवाड़ करने में सक्षम हो रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'थोंग यु वोंग बंडुए' नामक 76 साल के व्यक्ति को फेसबुक के एक जनरेटिव AI चैटबॉट, जिसे "बिग सिस बिली" के नाम से जाना जाता है, ने न्यूयॉर्क में मिलने के लिए बुलाया. चैटबॉट ने व्यक्ति को बार-बार भरोसा दिलाया कि वह असली है और उसे एक अपार्टमेंट का पता भी दिया. चैट में शामिल मैसेज में जैसे कि "मैं दरवाजा खोलकर गले लगाऊं या किस करूं?" जैसे मैसेज भी शामिल थे. 28 मार्च को, जब थोंग ने उस फ्लैट में पहुंचने के लिए निकले तो वह रात के समय एक पार्किंग लॉट के पास गिर गए. ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी में उनके सिर और गर्दन पर गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
मेटा की चुप्पी और जवाबदेही पर सवाल
इस घटना के बाद मेटा प्लेटफॉर्म्स से जवाब मांगा गया, लेकिन कंपनी ने किसी भी तरह का कमेंट करने से इनकार कर दिया. क्या मेटा जैसे दिग्गज प्लेटफॉर्म्स अपने AI सिस्टम्स की गतिविधियों पर नजर रखने में विफल हो रहे हैं?
AI चैटबॉट्स पर बढ़ती बहस
इस घटना ने अमेरिका में AI चैटबॉट्स और उनके यूजर्स के साथ होने वाली बातचीत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. गुरुवार को दो रिपब्लिकन सीनेटरों ने मेटा के खिलाफ जांच की मांग की है. डेमोक्रेटिक सीनेटर रॉन वाइडेन ने इस घटना को "बेहद परेशान करने वाला" करार दिया. उन्होंने कहा, "इन बॉट्स से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए मेटा और मार्क ज़करबर्ग को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए." यह मांग दर्शाती है कि AI तकनीक के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है.