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'ये वे दो देश हैं जिनके लिए वह प्रयास कर रहे...,' क्यों डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि G7, G8 या G9 बन जाए?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में दिए. कार्नी इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कनाडा के रॉकी पर्वतों के कनानास्किस में कर रहे हैं. ट्रंप के इन बयानों ने वैश्विक कूटनीति में नई बहस छेड़ दी है.

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Edited By: Mayank Tiwari
U.S. President Donald Trump
Courtesy: Social Media

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को जी7 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में रूस और चीन को इस समूह में शामिल करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने जी7 को जी8 या संभवतः जी9 में बदलने की इच्छा जताई. यह उल्लेखनीय है कि रूस और चीन जैसे अधिनायकवादी शासन वाले देशों को शामिल करने का सुझाव उस संगठन के लिए जटिलता पैदा कर सकता है, जिसके सदस्य लोकतांत्रिक देश हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार (17 जून) को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात से पहले यह बयान दिया, जिसमें यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से शुरू हुए युद्ध को समाप्त करने पर चर्चा होनी है.

रूस को बाहर करने को बताया "बड़ी गलती"

ट्रंप ने 2014 में रूस को जी8 से हटाने के फैसले को “बहुत बड़ी गलती” करार दिया. उन्होंने कहा कि रूस को तब निकाला गया था जब उसने क्रीमिया पर कब्जा किया, जिसके बाद 2022 में यूक्रेन पर व्यापक आक्रमण हुआ. ट्रंप ने दावा किया, “जी7 पहले जी8 था. बराक ओबामा और ट्रूडो नाम के एक व्यक्ति ने रूस को शामिल नहीं करना चाहा.” हालांकि, उस समय कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर थे, न कि जस्टिन ट्रूडो. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि अगर रूस को शामिल रखा जाता, तो आज युद्ध नहीं होता. अगर चार साल पहले ट्रंप राष्ट्रपति होते, तो भी युद्ध नहीं होता.”

पुतिन और वैश्विक संवाद की आवश्यकता

ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जिक्र करते हुए कहा, “पुतिन अब मेज पर नहीं हैं, जिससे जीवन और जटिल हो गया है.” उन्होंने यह भी दावा किया, “पुतिन मुझसे बात करते हैं. वह किसी और से बात नहीं करते. उन्हें जी8 से निकाले जाने का अपमान महसूस हुआ, जैसा कि मैं, आप, या कोई भी महसूस करता.” ट्रंप ने विश्व नेताओं के बीच शिखर सम्मेलनों में संवाद की महत्ता पर जोर दिया.

चीन को शामिल करने पर विचार

जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या चीन को भी जी7 में शामिल करना चाहिए, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “यह बुरा विचार नहीं है. मुझे कोई आपत्ति नहीं अगर कोई चाहता है कि सिर्फ चीन शामिल हो.” यह बयान ट्रंप की उस सोच को दर्शाता है, जिसमें वह वैश्विक मंचों पर बड़े देशों को शामिल करने के पक्षधर हैं.

कनाडा में शिखर सम्मेलन का आयोजन

ट्रंप ने यह बयान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में दिए. कार्नी इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कनाडा के रॉकी पर्वतों के कनानास्किस में कर रहे हैं. ट्रंप के इन बयानों ने वैश्विक कूटनीति में नई बहस छेड़ दी है.