अहमदाबाद में गुरुवार (12 जून) को हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों को सेवा से हटाने का कोई ठोस आधार अभी उपलब्ध नहीं है. इस हादसे ने वैश्विक स्तर पर विमानन सुरक्षा को लेकर चर्चा तेज कर दी है, लेकिन अमेरिका ने सावधानी बरतने की सलाह दी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी परिवहन सचिव सीन डफी ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए कहा, “उन्हें जमीन पर जाकर जांच करनी होगी. लेकिन अभी के लिए ऐसा करना बहुत जल्दबाजी होगी.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि केवल वीडियो फुटेज के आधार पर कोई निर्णय लेना “कभी भी एक मजबूत या समझदारी भरा तरीका नहीं होता.” डफी का यह बयान दर्शाता है कि जांच पूरी होने तक ठोस निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा.
संयुक्त जांच दल भारत रवाना
अमेरिका ने इस हादसे की जांच के लिए राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) और संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) की एक संयुक्त टीम भारत भेजने का फैसला किया है. इस दल में बोइंग और जीई एरोस्पेस के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे, जो भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर हादसे के कारणों का पता लगाएंगे. यह कदम विमानन सुरक्षा के प्रति दोनों देशों की गंभीरता को दर्शाता है.
विमानन सुरक्षा पर वैश्विक नजरें टिकी
एयर इंडिया का बोइंग 787 विमान गुरुवार को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, और केवल एक व्यक्ति जीवित बचा. इस त्रासदी ने बोइंग 787 की तकनीकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने जांच के नतीजों का इंतजार करने की अपील की है.