Pakistan Terrorism: अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए और उसकी आत्मघाती विंग मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन यानी एफटीओ घोषित कर दिया है. यह कदम अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार को उठाया. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह फैसला आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की प्रतिबद्धता को दिखाता है. उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन घोषित करना इस संकट से निपटने और आतंकियों को मिलने वाले समर्थन को कम करने का प्रभावी तरीका है.
बीएलए एक सशस्त्र अलगाववादी संगठन है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय है और बलूच लोगों के लिए स्वतंत्र देश की मांग करता है. 1947 में पाकिस्तान बनने के बाद से यहां कम से कम पांच बड़े अलगाववादी विद्रोह हो चुके हैं. इसकी आबादी सबसे कम है, जबकि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है. यह कोयला, सोना, तांबा और गैस जैसे प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, फिर भी पाकिस्तान का सबसे गरीब इलाका है.
बलूच लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार उनके संसाधनों का शोषण करती है और विकास में उनकी अनदेखी करती है. 2000 के दशक की शुरुआत में बीएलए का गठन इसी असंतोष से हुआ. शुरू में मांग थी कि प्रांत के संसाधनों का बड़ा हिस्सा बलूच लोगों को मिले, लेकिन धीरे-धीरे यह मांग पूर्ण स्वतंत्रता में बदल गई. 2006 में बलूच नेता नवाब अकबर बुगती की हत्या के बाद आंदोलन और उग्र हो गया.
बीएलए का मौजूदा नेता बशीर जैब बलूच है, जिसने संगठन में महिलाओं को भी शामिल किया है. मजीद ब्रिगेड का नेतृत्व हम्माल रेहान करता है, जो आत्मघाती हमलों की योजना बनाता है. संगठन में पेशेवर लोग भी शामिल हैं, जो सोशल मीडिया के जरिए प्रचार और भर्ती का काम करते हैं.
बीएलए ने पाकिस्तान में कई बड़े हमलों की जिम्मेदारी ली है. 2018 में कराची के चीनी वाणिज्य दूतावास और ग्वादर होटल पर हमले, 2024 में कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट पर आत्मघाती हमले, और 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक इसकी बड़ी कार्रवाइयों में शामिल हैं. ट्रेन हमले में 31 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा यात्री बंधक बने. अमेरिका पहले भी 2019 में बीएलए को वैश्विक आतंकी सूची में डाल चुका था, लेकिन अब इसे औपचारिक रूप से एफटीओ श्रेणी में रखा गया है.