menu-icon
India Daily

India Pakistan Talk: भारत-पाक विवाद पर अमेरिका की दो टूक, कहा- 'आपस में बात करें, हमें शामिल न करें'

India Pakistan Talk: अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने जानकारी दी कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने भारत और पाकिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की.

auth-image
Edited By: Ritu Sharma
India Pakistan Talk
Courtesy: Social Media

India Pakistan Talk: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह दोनों देशों के बीच सीधी और द्विपक्षीय बातचीत का समर्थन करता है, न कि किसी तरह की मध्यस्थता का प्रस्ताव. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने रविवार को यह बयान जारी किया.

बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से फोन पर बातचीत की, जिसमें भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम को बनाए रखने और संचार चैनलों को खुला रखने की अहमियत पर जोर दिया गया. दोनों नेताओं ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए निरंतर संवाद बनाए रखने की जरूरत को जरूरी बताया.

अमेरिका ने दोहराया - बातचीत से निकलेगा हल

टैमी ब्रूस ने कहा कि, ''विदेश मंत्री रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद के लिए अमेरिका के समर्थन को दोहराया है और दोनों देशों के बीच संचार मजबूत करने के प्रयासों की सराहना की है.'' यह बयान ऐसे समय में आया है जब रुबियो और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच शनिवार को फोन पर बातचीत हुई. इस बातचीत में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए दोनों देशों के बीच जिम्मेदाराना रुख बनाए रखने की बात हुई.

एस. जयशंकर का बयान: भारत का दृष्टिकोण संतुलित

वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अमेरिकी समकक्ष से हुई बातचीत को लेकर ट्वीट किया, ''आज सुबह अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत हुई. भारत का दृष्टिकोण हमेशा संतुलित और जिम्मेदाराना रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा.''

ट्रंप की 'हजार साल' वाली टिप्पणी पर हलचल

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाक युद्धविराम पर प्रतिक्रिया देते हुए कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी. उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, ''मैं आप दोनों के साथ मिलकर यह देखने के लिए काम करूंगा कि क्या 'हजार साल' बाद कश्मीर के मामले में कोई समाधान निकाला जा सकता है. भगवान भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को उनके अच्छे काम के लिए आशीर्वाद दें.'' 

हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी ताजा बयान से स्पष्ट है कि अमेरिका सीधे हस्तक्षेप या मध्यस्थता नहीं करेगा, बल्कि सीधी द्विपक्षीय बातचीत को ही एकमात्र रास्ता मानता है.