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India Daily

Spy Satellite India: अब और घातक होगा ऑपरेशन सिंदूर, दुश्मन के हर ठिकाने पर रहेगी पैनी नजर; सैटेलाइट्स और ड्रोन बनेंगे हथियार

Spy Satellite India: पहलगाम नरसंहार के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादियों को खत्म किया गया. सरकार ने आतंकवादियों पर नजर रखने के लिए अपने सिस्टम को और मजबूत करने का निर्णय लिया है.

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Edited By: Ritu Sharma
Spy Satellite India
Courtesy: Social Media

Operation Sindoor: पहलगाम में 26 हिंदुओं की बर्बर हत्या के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की. इस सर्जिकल कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया गया. इस पूरे अभियान की कामयाबी के पीछे सबसे अहम भूमिका खुफिया जानकारी की रही. अब भारत सरकार इस खुफिया तंत्र को और भी मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है.

सैटेलाइट सिस्टम से होगी दुश्मनों की हर हरकत पर नजर

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये साफ हो गया है कि सीमाओं पर दुश्मनों की साजिशों को नाकाम करने के लिए रियल टाइम इंटेलिजेंस बेहद जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अब एक अत्याधुनिक जासूसी सैटेलाइट नेटवर्क तैयार कर रही है, जो आतंकियों के छिपने के हर ठिकाने, यहां तक कि उनके बेडरूम तक पर नजर रखने में सक्षम होगा.

तेजी से बनेंगे 52 हाईटेक सैटेलाइट, 2026 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट

'द मिंट' की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने तीन निजी कंपनियों, जैसे- अनंत टेक्नोलॉजीज, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को अंजाम देने का फैसला किया है. पहले जिन सैटेलाइट्स को 4 साल में तैयार होना था, अब उन्हें 12 से 18 महीनों में लॉन्च किया जाएगा. कुल 52 जासूसी सैटेलाइट्स तैयार की जाएंगी, जिनमें से 31 निजी कंपनियां और बाकी 21 इसरो द्वारा बनाई जाएंगी.

22,000 करोड़ का मेगा प्रोजेक्ट, मिल सकती है SpaceX की मदद

वहीं करीब 22,500 करोड़ रुपये के इस मेगा प्रोजेक्ट को 'स्पेस बेस्ड सर्विलांस (SBS-3)' नाम दिया गया है. सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर का इस्तेमाल होगा. साथ ही, लॉन्चिंग के लिए इसरो का LVM3 रॉकेट या एलन मस्क की कंपनी स्पेसX का रॉकेट विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.

मजबूत होगी सीमा सुरक्षा, मिलेगा निजी कंपनियों को बड़ा मौका

हालांकि, रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के बाद यह प्रोजेक्ट अब तेजी से आगे बढ़ रहा है. एक रक्षा विशेषज्ञ के मुताबिक, ''यह सिस्टम भारत के लिए एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है. न सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि निजी अंतरिक्ष कंपनियों को भी विश्वस्तरीय तकनीक में काम करने का अवसर मिलेगा.''