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US ने ताइवान को हथियार देने की दिखाई हरी झंडी, बौखला गया ड्रैगन, टेंशन में भारत का पड़ोसी

China and Taiwan Conflict: ताइवान और चीन के बीच तनाव के इस दौर में अमेरिका का समर्थन ताइवान के लिए एक मजबूत कूटनीतिक और सैन्य सहायता है. हालांकि चीन इससे परेशान है, लेकिन उसके पास इसे रोकने का कोई ठोस विकल्प नहीं है. ताइवान की यह रणनीति चीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के प्रयासों को और मजबूत करेगी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
China and Taiwan Conflict
Courtesy: India Daily

China and Taiwan Conflict: ताइवान और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. इस बार अमेरिका ने ताइवान को $385 मिलियन की रक्षा सामग्री बेचने की अनुमति देकर स्पष्ट संकेत दिया है कि वह ताइवान के साथ खड़ा है. इस फैसले से चीन नाराज है, लेकिन वह इसे रोकने में असफल रहा है. अमेरिका से ताइवान को हथियारों के खरीदने की हरी झंडी मिलना तो ठीक दूसरी ओर ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते का  प्रशांत महासागर से जुड़े देशों की यात्रा पर निकले हैं, जिस वजह से ड्रैगन और भी चिढ़ गया है. ताइवान ने खुले तौर पर शि जिनपिंग को आख दिखाने का काम किया है. ऐसा लगता है कि चीन बेबस नजर आ रहा है. 

अमेरिका ने ताइवान को एफ-16 फाइटर जेट्स के स्पेयर पार्ट्स और रडार सिस्टम की आपूर्ति के लिए $385 मिलियन की डील को मंजूरी दी है. इस सौदे में $320 मिलियन की कीमत के एफ-16 के कलपुर्जे और रडार सिस्टम शामिल हैं. इसके साथ ही $65 मिलियन की मोबाइल सब्सक्राइबर इक्विपमेंट और संबंधित सहायता भी प्रदान की जाएगी. इस सौदे का मुख्य ठेका जनरल डायनामिक्स कंपनी को मिला है.

ताइवान की सैन्य शक्ति बढ़ाने का प्रयास

ताइवान ने हमेशा चीन की दावेदारी को खारिज किया है और अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं. पिछले महीने ही अमेरिका ने ताइवान को $2 बिलियन की रक्षा सामग्री देने की घोषणा की थी, जिसमें एक उन्नत एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम भी शामिल है. यह वही मिसाइल सिस्टम है जिसे यूक्रेन में युद्ध के दौरान प्रभावी साबित किया गया था.

लई चिंग-टे का प्रशांत महासागर दौरा

ताइवान के राष्ट्रपति लई चिंग-टे प्रशांत महासागर के देशों के साथ राजनयिक संबंध मजबूत करने के लिए यात्रा पर निकले हैं. इस दौरे में वे हवाई और गुआम जैसे अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रुकते हुए मार्शल द्वीप, तुवालु और पलाऊ का दौरा करेंगे. ये तीनों देश उन 12 देशों में शामिल हैं, जो ताइवान को राजनयिक रूप से मान्यता देते हैं.

चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियां

ताइवान को दबाव में लाने के लिए चीन ने इस साल दो बार सैन्य अभ्यास किया है. खबर है कि लई चिंग-टे के दौरे के दौरान भी चीन नए युद्धाभ्यास कर सकता है. इसके अलावा, बीजिंग ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह ताइवान को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरते.

अंतरराष्ट्रीय मंच पर ताइवान की कूटनीति

ताइवान, जो एक लोकतांत्रिक देश है, चीन के दावे को पूरी तरह खारिज करता है. ताइवान की रणनीति उन देशों के साथ संबंध मजबूत करने की है, जो चीन के प्रभाव में नहीं हैं. अमेरिका के समर्थन ने ताइवान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से खड़ा कर दिया है.