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Pakistan News: पाकिस्तान में शिया और सुन्नी के बीच जारी कत्लेआम! अब तक 124 लोगों की हुई मौत; PAK सरकार बातचीत की कर रही कोशिश

क़ुर्रम जिले में जारी संघर्ष के बीच प्रशासनिक और सरकारी प्रयास शांति बहाली के लिए जारी हैं. हालांकि, हिंसा का दायरा बढ़ने के कारण समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Pakistan Kurram Violence
Courtesy: X@feedmileapp

Pakistan Kurram Violence: पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले के कई इलाको में सुन्नी और शिया समुदायों के बीच जनजातीय संघर्ष में हाल ही में हुई गोलीबारी में दो और लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए हैं. वहीं, अब पुलिस का कहना है कि पिछले 10 दिनों से जारी हिंसा में अब तक 124 लोगों की मौत हो चुकी है और 178 लोग घायल हो चुके हैं. बता दें कि, सुन्नी और शिया समुदायों के बीच पिछले हफ्ते हिंसा शुरू हुई थी और संघर्ष विराम होने के बावजूद उनके बीच अब तक मामूली झड़पें जारी हैं.

'द न्यूज इंटरनेशनल' की रिपोर्ट के मुताबिक, क़ुर्रम क्षेत्र में हिंसा के कारण संचार सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं. मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं, और स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही, पेशावर-पराचिनार मुख्य राजमार्ग की बंदी के कारण स्थानीय व्यापार और दैनिक जीवन पर गंभीर असर पड़ा है. 

शांति बहाली की कोशिशें और सरकारी प्रयास जारी

जिले की प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार, शांति बहाली के प्रयास जारी हैं. उप आयुक्त जवेद उल्लाह मेहसुद ने बताया कि दोनों संघर्षरत समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत चल रही है और वे संघर्ष विराम और परिवहन मार्गों को फिर से खोलने की उम्मीद कर रहे हैं. हालांकि, न्यायिक अधिकारी हालात के कारण पराचिनार में फंसे हुए हैं.सादा तहसील बार के अध्यक्ष ने बताया कि दो जज और 25 न्यायिक कर्मचारी पिछले 10 दिनों से इलाके में फंसे हुए हैं.  

एयरलिफ्ट का प्रस्ताव लेकिन कोई कार्रवाई नहीं 

प्रांतीय सरकार ने उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए एयरलिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन अब तक कोई बचाव अभियान नहीं चलाया गया है. स्थिति 21 नवंबर से तनावपूर्ण बनी हुई है. हाल ही में संघर्ष विराम समझौते के बावजूद हिंसा का सिलसिला जारी है. इस सप्ताह की शुरुआत में 10 दिवसीय संघर्ष विराम पर बातचीत हुई थी, लेकिन छिटपुट हिंसा ने इसे अप्रभावी बना दिया है. हाल ही में झड़पों की लहर नौ दिन पहले पुलिस की निगरानी में दो अलग-अलग काफिलों पर घात लगाकर हमला करने से शुरू हुई थी, जिसमें पहले दिन 52 लोगों की मौत हो गई थी.

**संघर्ष की शुरुआत और सीमा व्यापार पर असर**  

 इसके बाद से दोनों गुटों के बीच हिंसा और बढ़ गई है.जिसमें पुलिस हालात को काबू पाने में नाकाम रही है. मुख्य राजमार्ग की बंदी से न केवल स्थानीय परिवहन प्रभावित हुआ है, बल्कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार, विशेष रूप से खारलाची सीमा पर भी रुक गया है. न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, तब से प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच हिंसा तेज हो गई है और पुलिस को व्यवस्था बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.इस बीच, जिला प्रशासन संघर्ष विराम लागू करने के लिए काम कर रहा है.

मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट और विफल शांति प्रयास 

मानवाधिकार आयोग पाकिस्तान ने जुलाई से अक्टूबर तक इस क्षेत्र में 79 मौतों की रिपोर्ट की है, जो लगातार अस्थिरता की ओर इशारा करता है. इस महीने की शुरुआत में प्रांतीय अधिकारियों द्वारा की गई एक सात दिवसीय संघर्ष विराम की कोशिश भी विफल रही. इसके अलावा, पिछले सप्ताह एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने संघर्ष विराम के लिए बातचीत की, लेकिन हिंसा फिर से शुरू हो गई.