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ब्रिटेन छोड़कर भाग रहे अरबपति, 2025 में 16,500 करोड़पति छोड़ सकते हैं देश, जानें क्या है वजह

हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 2025 में ब्रिटेन से 16,500 करोड़पतियों के पलायन की संभावना है, जो पिछले अनुमानों से दोगुना है. यह दशकों में किसी देश से सबसे बड़ा पलायन माना जा रहा है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
16,500 millionaires could leave UK in 2025 due to non-dom tax policy

ब्रिटेन, खासकर लंदन, लंबे समय से दुनिया के धनाढ्यों के लिए पसंदीदा ठिकाना रहा है लेकिन अब स्थिति बदल रही है. हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 2025 में ब्रिटेन से 16,500 करोड़पतियों के पलायन की संभावना है, जो पिछले अनुमानों से दोगुना है. यह दशकों में किसी देश से सबसे बड़ा पलायन माना जा रहा है.

नॉन-डॉम टैक्स का प्रभाव

नॉन-डॉम टैक्स नीति को इस पलायन का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. 6 अप्रैल 2025 से पहले, ब्रिटेन के बाहर स्थायी निवास वाले नागरिकों को विदेशी आय पर यूके टैक्स से छूट थी. नई नीति के तहत, विदेशी आय और लाभ पर यह छूट खत्म कर दी गई. अब पांच साल तक ब्रिटेन में रहने वालों पर 45% आयकर और 24% पूंजीगत लाभ कर लागू होगा. साथ ही, 20 में से 10 साल ब्रिटेन में रहने वालों पर 40% विरासत कर भी लगेगा. 

लेबर सरकार की कर वृद्धि

लेबर सरकार के चांसलर रेचल रीव्स के बजट ने धनी विदेशियों पर विदेशी आय और संपत्ति की रक्षा करने वाली छूट को समाप्त कर दिया. पहले, धनी विदेशी 30,000-60,000 पाउंड वार्षिक भुगतान कर अपनी गैर-ब्रिटिश संपत्ति को बचा सकते थे. अब यह सुविधा खत्म हो गई है. मिलियनेयर माइग्रेंट के संस्थापक जेरेमी सैवरी ने कहा, “लंदनवासी भारी संख्या में छिपे हुए करों के कारण राजधानी छोड़ रहे हैं. किराए की उच्च लागत से लेकर 40% कर दर, परिषद कर, सड़क कर, संपत्ति कर, और अल्ट्रा लो एमिशन जोन शुल्क सब कुछ लंदन की आकर्षण को कम कर रहा है.”

अन्य देशों की ओर रुख

ब्रिटेन का नुकसान स्विट्जरलैंड, इटली, पुर्तगाल और ग्रीस के लिए फायदा बन रहा है, जहां कर-अनुकूल नीतियां और जीवनशैली आकर्षण हैं. सैवरी ने कहा, “यूरोपीय डिजिटल नोमैड और रेजिडेंसी प्रोग्राम, ग्रीस, इटली, पुर्तगाल और स्पेन में कम लागत वाली जिंदगी के साथ, लाभान्वित हो रहे हैं. परिवार अपने बच्चों को चाकू अपराधों से सुरक्षित वातावरण में पालना चाहते हैं.”  लंदन में 6.1% बेरोजगारी दर, जो यूके औसत 4.4% से अधिक है और बढ़ते किराए भी पलायन को बढ़ावा दे रहे हैं.

यूएई बना नया ठिकाना

हेनले एंड पार्टनर्स के अनुसार, 2025 में 9,800 करोड़पति यूएई जाने की योजना बना रहे हैं. शिपिंग मैग्नेट जॉन फ्रेड्रिक्सन, हेज फंड दिग्गज माइकल एडवर्ड प्लैट और भारती ग्लोबल के प्रबंध निदेशक श्रविन भारती मित्तल जैसे अरबपतियों ने यूएई को चुना. सैवरी ने चेतावनी दी, “लंदन लोगों को बाहर धकेल रहा है. आवास की असमर्थनीय लागत, परिवहन की कमी और छिपे हुए करों के कारण व्यवसायी चिंतित हैं, और उच्च आय वाले चुपके से सामान बांध रहे हैं.”