नई दिल्ली: पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने एक बड़े राजनीतिक बयान के जरिए भारत रूस संबंधों को नई बहस के केंद्र में ला दिया है. रुबिन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भारत में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत का असली श्रेय पुतिन को नहीं बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जाता है. रुबिन के अनुसार ट्रंप ने भारत और रूस को जिस तरह एक दूसरे के करीब लाया है, उसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए.
रुबिन ने अपनी टिप्पणी में कहा कि पुतिन का नया दिल्ली दौरा मॉस्को के नजरिये से बेहद सकारात्मक दिखा है और भारत द्वारा दिए गए सम्मान की तुलना दुनिया में कहीं नहीं मिलती. रुबिन के अनुसार ट्रंप की विदेश नीति ने अनजाने में भारत और रूस के रिश्तों को नई मजबूती दी. उन्होंने पूछा कि कितने समझौते असल साझेदारी में बदलेंगे और कितने सिर्फ इस वजह से आगे बढ़े कि भारत ट्रंप के भारत को लेकर रवैये से असहज रहा है.
#WATCH | Washington, DC, USA | "Donald Trump deserves a Nobel Prize for bringing India and Russia together the way he did", says Former Pentagon official Michael Rubin on Russian President Vladimir Putin's visit to India.
— ANI (@ANI) December 5, 2025
He further says, "From Russia's perspective, the visit… pic.twitter.com/vYXcVTwP7M
रुबिन ने अमेरिकी नीति को दो हिस्सों में बांटकर बताया. उनके अनुसार ट्रंप समर्थक इस पूरे घटनाक्रम को अपनी नीति की सफलता मानते हैं. लेकिन 65 प्रतिशत अमेरिकी जो ट्रंप को पसंद नहीं करते, उनके लिए यह स्थिति ट्रंप की कूटनीतिक विफलता का नतीजा है. रुबिन ने आरोप लगाया कि ट्रंप ने पाकिस्तान, तुर्किये और कतर जैसे देशों की चापलूसी और संदिग्ध प्रस्तावों से प्रभावित होकर भारत के साथ अमेरिकी रणनीतिक तालमेल को नुकसान पहुंचाया.
रुबिन ने कहा कि वाशिंगटन में कई लोग हैरान हैं कि ट्रंप ने भारत के साथ संबंधों को किस तरह कमजोर किया. उन्होंने इसे एक ऐसी कूटनीतिक गलती बताया जिससे अमेरिका को लंबे समय तक रणनीतिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. रुबिन ने कहा कि ट्रंप अपनी गलतियों को कभी नहीं मानेंगे और भारत रूस की निकटता को भी अपनी विदेश नीति की दूरदर्शिता का सबूत बताने की कोशिश करेंगे.
#WATCH | Washington, DC, USA | On Russian President Vladimir Putin's statement "We are ready to continue uninterrupted shipments of fuel for the growing Indian economy", Former Pentagon official Michael Rubin says, "What Americans don't understand is that Indians elected Prime… pic.twitter.com/f0wo2sRYvK
— ANI (@ANI) December 5, 2025
पुतिन द्वारा भारत को निर्बाध ईंधन आपूर्ति के आश्वासन पर प्रतिक्रिया देते हुए रुबिन ने कहा कि अमेरिका अक्सर भारत की बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज कर देता है. उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा जरूरतें बड़ी हैं और प्रधानमंत्री मोदी को भारतीय हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है. रुबिन ने अमेरिका को सलाह दी कि यदि वह भारत को रूसी तेल खरीदने से रोकना चाहता है तो उसे सस्ता और पर्याप्त ईंधन उपलब्ध कराने का विकल्प देना होगा.
ऐसा न कर पाने की स्थिति में, रुबिन के अनुसार, अमेरिका को भारत को सलाह देने से बेहतर है कि वह चुप रहे क्योंकि भारत को अपनी सुरक्षा और जरूरतों का ध्यान खुद रखना है.