सिंगापुर में असम के दिग्गज गायक जुबिन गर्ग के समुद्र में डूबने से हुए निधन ने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया है. रविवार को उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से गुवाहाटी लाया गया, जहां हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़े. लेकिन जोरहाट के प्रशंसकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को घंटों तक जाम कर दिया और मांग की कि जुबिन के शव को अंतिम बार जोरहाट लाया जाए.
इस बीच मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने परिवार की इच्छा और व्यावहारिक कारणों का हवाला देते हुए कहा कि अंतिम संस्कार गुवाहाटी के पास कामरकुची गांव में किया जाएगा.
जोरहाट पुलिस ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को रविवार देर रात से ही जाम कर दिया गया. यह जाम अजंता बाइपास के पास लगाया गया था, जहां से जोरहाट शहर में प्रवेश होता है. प्रशंसकों का कहना था कि गायक की आत्मा को शांति तभी मिलेगी जब उनके पार्थिव शरीर को उस शहर में लाया जाएगा, जहां उन्होंने अपने शुरुआती दिन बिताए थे.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि शरीर की स्थिति ऐसी नहीं है कि उसे बार-बार ले जाया जाए. उन्होंने यह भी बताया कि जुबिन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग और बहन पाम्ले बोर्थाकुर ने कहा कि उनके 85 वर्षीय बीमार पिता के लिए जोरहाट आना संभव नहीं है. भविष्य में बरसी या अन्य रस्मों के लिए भी परिवार को मुश्किल होगी. यही कारण है कि परिवार की सहमति से गुवाहाटी में अंतिम संस्कार का फैसला लिया गया.
सरमा ने घोषणा की कि जुबिन गर्ग का अंतिम संस्कार 23 सितंबर को गुवाहाटी के पास कामरकुची गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस निर्णय पर कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई और परिवार की इच्छा को ध्यान में रखा गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुवाहाटी जुबिन गर्ग का स्थायी ठिकाना रहा और उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा यहीं बिताया.
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जोरहाट के लोगों की भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाएगा. उन्होंने घोषणा की कि जुबिन गर्ग की अस्थियां जोरहाट में विसर्जित की जाएंगी और वहां एक स्मारक भी बनाया जाएगा. इसके अलावा जिस जगह उनका अंतिम संस्कार होगा, वहां भी एक स्मारक खड़ा किया जाएगा, ताकि उनकी यादें हमेशा जीवित रहें.