हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, क्वाड देशों भारत, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के तटरक्षक बलों ने 'क्वाड एट सी शिप ऑब्जर्वर मिशन' नामक एक बहुपक्षीय पहल शुरू की है. इस रणनीतिक क्रॉस-एम्बार्केशन पहल के तहत प्रत्येक भागीदार देश से दो अधिकारी, जिनमें एक महिला अधिकारी भी शामिल हैं, संयुक्त राज्य तटरक्षक कटर (USCGC) स्ट्रैटन पर सवार हैं, जो वर्तमान में अमेरिका के गुआम की ओर बढ़ रहा है.
विलमिंगटन घोषणा पर आधारित मिशनसितंबर 2024 में आयोजित क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में अपनाई गई विलमिंगटन घोषणा पर आधारित यह मिशन, क्वाड देशों की स्वतंत्र, खुली, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मजबूत करने की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह मिशन संयुक्त समुद्री तत्परता को बढ़ावा देता है, जिसमें अंतर-संचालनीयता, क्षेत्रीय जागरूकता और परिचालन समन्वय को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इस पहल ने क्वाड देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और सहयोग को नए आयाम दिए हैं.
क्वाड तटरक्षक बलों की पहली संयुक्त पहल
यह समुद्र में पर्यवेक्षक मिशन क्वाड समुद्री एजेंसियों भारतीय तटरक्षक (ICG), जापान तटरक्षक (JCG), संयुक्त राज्य तटरक्षक (USCG) और ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल (ABF) के बीच अपनी तरह की पहली पहल है. इस मिशन के माध्यम से चारों देशों ने समुद्री क्षेत्र में सहयोग और समन्वय को बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है, जो वैश्विक समुद्री चुनौतियों का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण है.
भारत की SAGAR नीति और IPOI का योगदान
भारतीय तटरक्षक की सक्रिय भागीदारी भारत की रणनीतिक समुद्री दृष्टि 'SAGAR' (सुरक्षा और सभी के लिए क्षेत्र में विकास) को रेखांकित करती है. यह हिंद-प्रशांत महासागर पहल (IPOI) के तहत भारत के राष्ट्रीय प्रयासों को पूरक बनाता है. भारत ने क्षेत्र में क्षमता निर्माण, मानवीय सहायता और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को इस मिशन के जरिए प्रदर्शित किया है.
'क्वाड कोस्ट गार्ड हैंडशेक' की शुरुआत
'क्वाड एट सी ऑब्जर्वर मिशन' ने 'क्वाड कोस्ट गार्ड हैंडशेक' की नींव रखी है, जो समान विचारधारा वाले हिंद-प्रशांत साझेदारों के बीच परिचालन तालमेल, विश्वास और समुद्री शासन को गहरा करता है. जैसे-जैसे वैश्विक समुद्री चुनौतियां जटिल होती जा रही हैं, यह पहल साझा सुरक्षा, सामूहिक तत्परता और क्षेत्रीय लचीलापन की दिशा में एक निर्णायक कदम है.