देश की राजधानी नई दिल्ली आज यानी सोमवार 17 फरवरी को सुबह-सुबह 4 रिक्टर स्केल का भूकंप महसूस किया गया. इस भूकंप के झटके काफी तेज महसूस किए गए. गंगा-यमुना के मैदानी इलाके में पड़ने वाले दिल्ली-एनसीआर के लोगों में इस भूकंप से दहशत का माहौल है. यह दिल्ली में आने वाला अब तक का सबसे बड़ा भूकंप नहीं है. क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में अब तक का सबसे भीषण भूकंप कब आया और उससे कितना नुकसान पहुंचा था.
सिस्मिक जोन IV में दिल्ली
ये इलाके भूकंप से सबसे सुरक्षित
बात करें दिल्ली के सबसे सुरक्षित इलाकों की तो, भूकंप के लिहाज से JNU, AIIMS, छतरपुर और नारायणा इलाके सबसे सुरक्षित क्षेत्र हैं. जबकि पूर्वी दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली और उत्तर दिल्ली के हिस्सों में किसी भी भूकंप में ज्यादा नुकसान होने की आशंका रहती है.
यहां भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका
कुछ खास इलाकों की बात करें तो दिल्ली यूनिवर्सिटी का नॉर्थ कैंपस, सरित विहार, गीता कालोनी, शकरपुर, पश्चिम विहार, वजीराबाद, रिठाला, रोहिणी, जहांगीरपुरी, बवाना, करोल बाग और जनकपुरी के इलाके भूकंप में नुकसान के लिहाज से बहुत ही खतरे वाले क्षेत्र में हैं. यह ज्यादातर इलाके यमुना नदी के किनारे और यमुना के बाढ़ क्षेत्र में बसे हैं. दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, हौज खास, बुराड़ी और नजफगढ़ खतरे के लिहाज से दूसरी श्रेणी में आते हैं.
दिल्ली का सबसे बड़ा भूकंप
दिल्ली में अब तक के सबसे बड़े भूकंप की बात करें तो यह हाल के वर्षों में नहीं आया है. बल्कि दिल्ली में अब तक का सबसे भीषण भूकंप करीब 64 साल पहले 27 अगस्त 1960 को देखा था. उस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई थी. उस समय की रिपोर्टों के अनुसार तब दिल्ली में कई बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचा था.