देश में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनी है. 18वीं लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बना लिया. अब लोकसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होना है. पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से उम्मीदवार उतारे जाएंगे. 24 जून से संसद का सत्र शुरू होने वाला है. यह सत्र 9 दिन यानी 3 जुलाई तक चलेगा. 26 जून से लोकसभा स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी.
पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था, जिस वजह से लोकसभा में स्पीकर पद पर बीजेपी का दबदबा था. इस बार बीजेपी के पास अकेले पूर्ण बहुमत नहीं है. विपक्षी इंडिया गठबंधन 234 सदस्यों के साथ संसद में मजबूत है. विपक्षी पार्टी पहले ही कह चुकी है कि इस बार सदन में बीजेपी की मनमर्जी नहीं चलेगी. नई सरकार के गठन के बाद ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) लोकसभा में स्पीकर का पद मांग सकती है.
इस बार विपक्षी खेमा I.N.D.I.A गुट भी लोकसभा में मजबूत स्थिति में है. ऐसे में उसे उम्मीद है कि डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष के किसी सांसद को मिलेगा. हालांकि सूत्रों के हवाले से कहा जा रही है कि अगर विपक्ष के सांसद को डिप्टी स्पीकर पद नहीं मिलता है तो विपक्षी खेमा स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारेगा. डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परम्परा रही है. हालांकि पिछली बार ये पद किसी को नहीं दिया गया था.
लोकसभा स्पीकर का पद सरकार की ताकत दिखाता है. संसद में सारे कमा स्पीकर के कंट्रोल में होता है. स्पीकर के नहीं होने पर सारा काम डिप्टी स्पीकर के जिम्मे होता है. संविधान में स्पीकर के साथ डिप्टी स्पीकर के चुनाव का भी प्रावधान है. संविधान के आर्टिकल 93 और 178 में संसद के दोनों सदनों और विधानसभा अध्यक्ष पद का जिक्र है. सीधे-सीधे कहें तो सदन कैसे चलेगी इसती पूरी जिम्मेदारी स्पीकर और डिप्टी स्पीकर की होती है.
माना जा रहा है कि एक बार फिर से ओम बिड़ला को स्पीकर बनाया जाएगा. साथ ही बीजेपी की आंध्र प्रदेश अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी को लोकसभा उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है. पुरंदेश्वरी चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी की बहन हैं, उन्हें डिप्टी स्पीकर बनाया जाता है.