प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच जी7 समिट के दौरान मुलाकात हुई. इटली के अपुलिया शहर में दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात चर्चा में है. सितंबर 2023 से ही भारत और कनाडा के बीच बिगड़े संबंधों के बाद यह माना जा रहा है कि अब कनाडा के तेवर नर्म पड़ने लगे हैं. कनाडा की संसद ने 18 सितंबर को साफ तौर पर कहा था कि खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स शामिल रहे हैं. ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में उसकी हत्या हुई थी. भारत और कनाडा के बीच इसी के बाद से ही संबंध ऐसे बिगड़े कि अब तक पटरी पर नहीं लौटे हैं.
जस्टिन ट्रूडो और पीएम मोदी की मुलाकात, पहले से प्रस्तावित नहीं थी. दोनों नेताओं की ये मुलाकात अनौपचारिक थी. दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. दोनों नेताओं के बीच तल्खियां साफ नजर आ रही हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने ग्लोब एंड मेल आउटलेट से बातचीत में दावा किया कि 'प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके दोबारा चुने जाने पर बधाई दी और नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर संक्षिप्त चर्चा की. बेशक, इस समय हमारे दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. आप समझ सकते हैं कि हम इस समय कोई और बयान नहीं देंगे.'
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक G7 के बाद हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिन ट्रूडो ने कहा, 'मैं इस जरूरी और संवेदनशील मुद्दे के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा. इस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है. आने वाले वाले समय में कुछ जरूरी मुद्दों को निपटाने के लिए हम एक साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.' जस्टिन ट्रूडो ने यह नहीं कहा है कि उनके बीच इस मुलाकात में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मुद्दे पर क्या बात हुई है. उन्होंने कहा है कि हमें दुनिया के साथ बातचीत करने की जरूरत है. हम कानून के शासन के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर कर सकते हैं.
भारत का हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड पर रुख साफ है. भारत न झुकेगा, न नजरें चुराएगा. भारत आंख में आंख डालकर बात करेगा. भारत अपने हितों के साथ समझौता नहीं करेगा. वैश्विक आरोपों पर भी भारत ध्यान नहीं देगा. अगर भारत के साथ किसी देश को संबंध बेहतर रखने हैं, तो इसकी जिम्मेदारी सिर्फ भारत की नहीं है. भारत पहले दिन से निज्जर हत्याकांड में शामिल होने से इनकार करता आया है. कनाडा के आरोपों पर भारत ने खुलकर दुनिया से कहा है कि भारत अपने खिलाफ साजिश बर्दाश्त नहीं करेगा और गलत आरोपों पर ध्यान भी नहीं देगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय ने 5 जून को बधाई दी थी. इंडो-पैसिफिक पार्टनर होने और द्वपक्षीय संबंधों को लेकर हम आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं. हम मानवाधिकार, विविधता और कानून के शासन पर कायम रहकर एक साथ काम करने के लिए तैयार हैं. चार दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर जवाब दिया, 'भारत आपसी समझ और एक-दूसरे के हितों के आधार पर कनाडा के साथ काम करने के लिए तैयार है.' पिछली बार दोनों नेता साल सितंबर में नई दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में मिले थे. जस्टिन ट्रूडो ने उस दौरान भी निज्जर हत्याकांड का मुद्दा उठाया था.
कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने उस वक्त कहा था कि विधि के शासन, लोकतांत्रिक सिद्धांत और राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान करने के महत्व के मुद्दे को हमने उठाया है. भारत ने उस दौरान चरमपंथ को लेकर अपना पक्ष रखा था. अब कनाडा 2025 में अल्बर्टा के कनानास्किस में अगले जी7 समिट की मेजबानी करेगा. भारत को इटली, जर्मनी, जापान और यूनाइटेड किंगडम में आउटरीच पार्टनर के तौर पर आमंत्रित किया जाता रहा है. जब कनाडा ने 2018 में क्यूबेक के चार्लेवोइक्स में जी7 की मेजबानी की थी, तब भारत को नहीं बुलाया गया था. निज्जर हत्याकांड से डिरेल हुए भारत और कनाडा के संबंध, कब तक पटरी पर लौटेंगे, यह देखने वाली बात होगी.