18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है. पीएम मोदी ने सोमवार को तीसरी बार सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली. मोदी के बाद उनकी कैबिनेट के लोकसभा सांसदों ने शपथ ली. लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे ज्यादा सांसद बीजेपी के पास हैं. वहीं उसके गठबंधन एनडीए के पास बहुमत से ज्यादा कुल 293 सांसद हैं. इंडिया अलायंस के 234 सीट हैं. कभी सोचा है कि सांसद के संसदीय और क्षेत्रीय अधिकार क्या होते हैं, उनका वेतन कितना होता है, संसद के सदनों में उनकी जिम्मेदारियां क्या होती हैं.
सिर्फ इतना ही नहीं, आखिर इन सांसदों को सैलरी कितनी मिलती है. उनकी संवैधानिक शक्तियां क्या होती हैं, सरकार गठन में उनका रोल क्या होता है, आखिर एक सासंद का क्या काम होता है, आइए समझते हैं.
एक लोकसभा सांसद का मूल वेतन एक लाख रुपये होता है. इसके अलावा सांसदों को कई तरह के भत्ते भी दिए जाते हैं. जिसमें 2000 रुपये दैनिक भत्ता, 70 हजार हर महीने निर्वाचन भत्ता, 60 हजार रुपये हर महीने कार्यालय भत्ता और टेलीफोन, आवास, पानी बिजली, पेंशन, यात्रा भत्ता जैसी सुविधाएं शामिल हैं. वहीं राज्यसभा के सांसदों की सैलरी की बात करें तो इन्हें हर महीने 2 लाख 10 हजार रुपये मिलते हैं. इस पैसे में 20 हजार रुपये ऑफिस के खर्च के होते हैं. जबकि, मूल सैलरी की बात करें तो ये 1 लाख 90 हजार रुपये होती है.