वजाहत खान, जिनकी शिकायत पर लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी हुई, अब फरार हैं. कोलकाता पुलिस ने बुधवार को बताया कि असम और दिल्ली पुलिस भी उनकी तलाश में जुटी हैं. खान की शिकायत के आधार पर 30 मई को पनोली को गिरफ्तार किया गया था, जिन पर सांप्रदायिक और नफरत भरे पोस्ट करने का आरोप था.
खान के खिलाफ शिकायतें
पनोली की गिरफ्तारी के बाद वजाहत खान के खिलाफ पश्चिम बंगाल में पांच शिकायतें दर्ज की गई हैं. इनमें दो गार्डन रीच थाने, एक मेटियाब्रुज थाने, एक विश्व हिंदू परिषद द्वारा आसनसोल दुर्गापुर कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त को, और एक जेटिया थाने में दर्ज हुई हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में कानूनी सलाह ली जा रही है. असम पुलिस ने भी खान के खिलाफ कार्रवाई में रुचि दिखाई है और उनकी तीन सदस्यीय टीम खान के इलाके में पहुंच चुकी है.
खान पर आरोप
खान, जो कोलकाता स्थित रशीदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक हैं, पर सोशल मीडिया पर “नफरत भरे भाषण” और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले टिप्पणियों का आरोप है. उनके इंस्टाग्राम और एक्स अकाउंट लॉक हैं, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पनोली की गिरफ्तारी की मांग करने और बाद में इसे सेलिब्रेट करने वाले पोस्ट किए थे. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “रविवार को खान आखिरी बार अपने इलाके में देखे गए थे. तब से उनकी कोई जानकारी नहीं है, और परिवार ने गुमशुदगी की कोई शिकायत दर्ज नहीं की.”
हिंदू संगठन की मांग
श्री राम स्वाभिमान परिषद ने 2 जून को गार्डन रीच थाने में खान के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसमें उनके पोस्ट को धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी और अशांति भड़काने वाला बताया गया. परिषद के सचिव सूरज कुमार सिंह ने कहा, “हम वजाहत खान की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं, क्योंकि उन्होंने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले अपमानजनक पोस्ट किए.”
पनोली का मामला
पनोली वर्तमान में 13 जून तक न्यायिक हिरासत में हैं. मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी. जस्टिस पार्थसारथी चटर्जी ने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि कोई दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए.”