UP Lok Sabha Election Result: लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना जारी है. इसमें NDA को बहुमत तो मिल रहा है लेकिन इंडिया गठबंधन के अच्छे प्रदर्शन से उसकी चिंता बढ़ गई है. सबसे बड़ी बात की भाजपा और इंडिया गठबंधन को जिस उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा उम्मीद थी वहीं उसे झटका लगा है. यहां भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में को 35 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. इसमें से भाजपा के खाते में 32 सीटें है. ऐसे में यहां सारे फैक्टर फेल हो गए हैं. आइये जानें यहां अखिलेश-राहुल की जोड़ी ने क्या कमाल किया की योगी फैक्टर फेल हो गया
BJP अपने कोर स्टेट उत्तर प्रदेश में कुछ खास नहीं कर पाई. यहां उसे महज 32 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है. आइये जानें कहां योगी फैक्टर फेल हो गया और इंडिया ने के कौन से उपाय उसे बढ़त में ले आए.
2017 में से ही योगी आदित्यनाथ का ग्राफ तेजी से बढ़ा. लोकप्रियता ऐसी की बैक-टू-बैक दो विधानसभा बंपर बहुमत से जीतकर आए. उन्हीं के कारण भाजपा ने यूपी में इस बार 80 सीटें जीतने का दावा किया था. सायद योगी फैक्टर काम नहीं किया और उत्तर प्रदेश में भाजपा के पैरों तले जमीन खिसक गई. एक बात ये भी थी की आदित्यनाथ को सीएम के पद से हटाया जा सकता है.
संविधान और आरक्षण का मुद्दा
सपा-कांग्रेस के इंडिया गठबंधन की बढ़त के पीछे उनके वादे हैं. दोनों नेता हमेशा कहते रहे की मोदी सरकार आई तो संविधान में बदलाव कर आरक्षण हटा दिया जाएगा. राहुल गांधी ने जितनी आबादी उतना हक का नारा दिया था. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक का फॉर्मूला दिया जो सायद काम कर गया.
महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा
कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष भाजपा पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाता रहा. गैस सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल समेत आम जरूरत के सामान के महंगे होने को लेकर भाजपा को घेरा गया. प्रचार के दौरान भी राहुल गांधी, अखिलेश यादव ने इसे जोर-शोर से उठाया. कांग्रेस ने सरकार आने पर 30 लाख नौकरियों का वादा कर किया था जो सायद काम कर गया.
महिलाओं को एक लाख का वादा
कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में कई अहम वादे किए जिसमें महिलाओं के लिए साढ़े आठ हजार रुपये और सालाना 1 लाख रुपये देने की बात कही गई थी. इसे बार-बार दोहराया गया. राहुल गांधी ने हर सभा में इस बात को रखा. आखिरकार इंडिया गठबंधन के पक्ष में उनके वादों के आकड़े दिखे.