Union Health Ministry: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के 20 अगस्त के आदेश के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स पर एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर दिया है. इसके अलावा एनटीएफ को तीन हफ्ते के भीतर अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही 20 अगस्त के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के दो महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है. टास्क फोर्स का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों का समाधान करना है. इसमें कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और प्रतिष्ठित संस्थानों के चिकित्सा पेशेवर शामिल हैं. यह कदम स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा चिंताओं के जवाब में उठाया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय यात्रा, ठहरने और सचिवीय सहायता की व्यवस्था सहित रसद सहायता प्रदान करेगा. इसके अलावा एनटीएफ के सदस्यों के यात्रा व्यय और अन्य संबंधित खर्चों को भी वहन करेगा.
Union Health Ministry issues Office Memorandum on National Task Force, formed by the Supreme Court for the Medical Professionals' safety pic.twitter.com/YzNEfllm3U— ANI (@ANI) August 21, 2024
शीर्ष अदालत ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के मामले का स्वतः संज्ञान लिया था. इसको लेकर डॉक्टरों ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था. कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एनटीएफ बल का गठन किया था.
14 सदस्यों वाले टास्क फोर्स में पदेन सदस्य और एक्सपर्ट शामिल हैं
1. कैबिनेट सचिव, भारत सरकार - अध्यक्ष
2. गृह सचिव, भारत सरकार
3. सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सदस्य सचिव, भारत सरकार
4. अध्यक्ष, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग
5. अध्यक्ष, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड
6. सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन, एवीएसएम, वीएसएम, महानिदेशक चिकित्सा सेवाएं (नौसेना)
7. डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और एआईजी हॉस्पिटल्स, हैदराबाद
8. डॉ. एम. श्रीनिवास, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, (एम्स), दिल्ली
9. डॉ. प्रतिमा मूर्ति, निदेशक, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस), बेंगलुरु
10. डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, कार्यकारी निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जोधपुर;
11. डॉ. सौमित्र रावत, अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, जीआई और एचपीबी ऑन्को-सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांटेशन और सदस्य, प्रबंधन बोर्ड, सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली।
12. प्रोफेसर अनीता सक्सेना, कुलपति, पंडित बीडी शर्मा मेडिकल यूनिवर्सिटी, रोहतक, पूर्व में अकादमिक डीन, चीफ-कार्डियोथोरेसिक सेंटर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में कार्डियोलॉजी विभाग की प्रमुख;
13. डॉ. पल्लवी सैपले, डीन, ग्रांट मेडिकल कॉलेज और सर जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, मुंबई
14. डॉ. पद्मा श्रीवास्तव, पूर्व में एम्स, दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर थीं. वर्तमान में पारस हेल्थ गुरुग्राम में न्यूरोलॉजी की चेयरपर्सन हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस घटना पर कहा था कि कोलकाता की घटना ने पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा के मुद्दे को उठाया है. हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि कोलकाता बलात्कार पीड़िता का नाम, फोटो और वीडियो क्लिप पूरे देश में प्रसारित की गई. कानून पीड़ितों के नाम प्रकाशित करने पर रोक लगाता है.