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इस सरकारी स्कूल में एक स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए आते हैं 2 टीचर, जानें क्या है पूरा मामला

जहां पूरे देश में हर जगह शिक्षकों की भारी कमी देखने को मिलती है. वहीं देश में एक ऐसा भी स्कूल है जहां पर एक छात्र के लिए दो शिक्षक तैनात हैं.

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नई दिल्ली: ऐसा आम तौर पर देखा जाता है कि सरकारी स्कूल में शिक्षकों की भारी कमी देखी जाती है. बहुत कम ही ऐसी स्थिति होती है जब सरकारी स्कूल में छात्रों के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षक हों. उसपर से भी प्राथमिक स्कूल के लिए तो और भी ऐसी स्थिति देखने को मिलती है. लेकिन इसी बीच एक ऐसी जानकारी सामने आई है कि पहाड़ी प्रदेश में एक ऐसा स्कूल है जहां पर छात्रों का ऐसा अभाव है कि पूरे स्कूल में मात्र एक ही छात्र के लिए दो शिक्षक मौजूद हैं. 

पहाड़ों में बसे उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जहां पर एक छात्र के लिए दो शिक्षक मौजूद हैं. हम बात कर रहे हैं जिले के घुग्घूखाम के राजकीय प्राथमिक विद्यालय की. जहां पिछले कुछ सालों से छात्रों की संख्या साल दर साल कम होती जा रही है. वहीं न्यूज 18 के अनुसार इसकी बात करें तो जहां ये स्कूल है उस गांव की आबादी करीब 500 के करीब है. जहां पर यही एकमात्र प्राथमिक शिक्षा के लिए विद्यालय हैं जिसमें भी हर साल छात्रों की संख्या कम होती चली आ रही है. 

बच्चों के अभिवावकों ने प्राइवेट स्कूल का चुना रास्ता

इस स्कूल की प्रिंसिपल शबाना सिद्दीकी ने बताया कि पहले तो स्कूल में काफी बच्चे पढ़ने के लिए आते थे लेकिन उनके अविभावक उनका यहां से नाम कटवा कर शहर स्थित प्राइवेट संस्थानों में एडमिशन दिलवा दिए. जिस वजह से यहां छात्रों की संख्या कम होती चली गई. 

शिक्षकों का हो सकता है ट्रांसफर

वहीं इस स्कूल की स्थिति को लेकर जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी का कहना है कि जल्दी है इस स्कूल का निरीक्षण करके छात्रों को बढ़ाने का सभी संभव प्रयास किया जाएगा. लेकिन उसके बाद भी अगर स्कूल में छात्रों की संख्या नहीं बढ़ती है तो यहां के शिक्षकों को किसी दूसरे स्कूल में भेज दिया जाएगा. 

ऐसी स्थिति में सवाल ये बनता है कि अगर इस शिक्षकों का जब ट्रांसफर हो जाएगा तो फिर गांव में स्थित ये एकमात्र प्राथमिक स्कूल पूरी तरह से बंद हो जाएगा.