Supreme Court Stray Dog Order: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये जानवर मिटा देने वाली समस्या नहीं हैं और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए शेल्टर, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल जैसे मानवीय उपाय अपनाए जाने चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा कि कुत्तों को हटाने की बजाय सार्वजनिक सुरक्षा और पशु कल्याण को साथ लेकर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिना क्रूरता के भी सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सकता है. उन्होंने इस आदेश को दशकों की विज्ञान-आधारित नीति से पीछे हटने वाला कदम बताया.
The SC’s directive to remove all stray dogs from Delhi-NCR is a step back from decades of humane, science-backed policy.
These voiceless souls are not “problems” to be erased.
Shelters, sterilisation, vaccination & community care can keep streets safe - without cruelty.
Blanket…— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 12, 2025Also Read
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सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया कि अगले आठ हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में रखा जाए. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चाहे कुत्ते नसबंद हों या नहीं, किसी भी इलाके में कोई आवारा कुत्ता घूमना नहीं चाहिए. यह निर्देश दिल्ली सरकार, नगर निगम दिल्ली, नई दिल्ली नगर परिषद, और नोएडा, गाजियाबाद व गुरुग्राम प्रशासन को दिया गया है.
कोर्ट ने यह आदेश आवारा कुत्तों के हमलों में बढ़ोतरी पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिया. साथ ही, कोर्ट ने चेतावनी दी कि पकड़ने की कार्रवाई में बाधा डालने वालों पर अवमानना की कार्यवाही होगी. आदेश में यह भी कहा गया कि दिल्ली-एनसीआर में एक हेल्पलाइन बनाई जाए, जिस पर कुत्ते के काटने की शिकायत मिलने पर चार घंटे के भीतर उस जानवर को पकड़ लिया जाए.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या अब खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार एक योजनाबद्ध नीति बनाने की बात कही. वहीं, दिल्ली के मेयर इकबाल सिंह ने भी आदेश का स्वागत किया और कहा कि छह हफ्तों में इसे लागू करने की कोशिश होगी. उन्होंने बताया कि अभी 10 नसबंदी केंद्र चालू हैं और जल्द ही अस्थायी व स्थायी शेल्टर होम बनाए जाएंगे.
दूसरी ओर, पशु अधिकार संगठनों ने इस आदेश का विरोध किया है. पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स यानी PETA इंडिया ने इसे अव्यवहारिक और गैरकानूनी बताया. संगठन ने चेतावनी दी कि समुदाय से जुड़े कुत्तों को जबरन हटाने से इंसानों और जानवरों, दोनों के लिए अव्यवस्था और पीड़ा पैदा होगी.