NEET-UG Paper Leak: गुरुवार (18 जुलाई) को, सीबीआई ने पटना एम्स के चार छात्रों को नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया. यह कार्रवाई उस समय हुई जब एम्स में तीसरे वर्ष के एमबीबीएस छात्र चंदन सिंह, राहुल अनंत और कुमार शानू, और दूसरे वर्ष के छात्र करण जैन को सीबीआई टीम ने उनके छात्रावास कमरों से हिरासत में लिया.
यह गिरफ्तारी सीबीआई द्वारा पहले की गई गिरफ्तारियों का सीक्वल है. पहले, सीबीआई ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के पूर्व छात्र पंकज कुमार उर्फ आदित्य और राजू सिंह को गिरफ्तार किया था. पंकज पर आरोप है कि उसने हजारीबाग में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के ट्रंक से नीट-यूजी का प्रश्नपत्र चुराया था, जबकि राजू ने कथित तौर पर उसे मदद की थी.
नीट परीक्षा, भारत में मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में सबसे प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक है. इस साल, नीट-यूजी 2024 परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. इस घटना ने परीक्षा की विश्वसनीयता पर गंभीर सवालिया निशान लगाए हैं और छात्रों, अभिभावकों और शिक्षाविदों में भारी चिंता पैदा कर दी है.
सीबीआई, जो इस मामले की जांच कर रही है, ने अब तक चार छात्रों को गिरफ्तार किया है - पटना एम्स के तीन एमबीबीएस छात्र और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के एक पूर्व छात्र. इन छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने हजारीबाग में एनटीए के ट्रंक से प्रश्नपत्र चुराया और फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. सीबीआई ने इस मामले में 6 FIR भी दर्ज किए हैं.
सीबीआई को इस मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए. सभी दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए. सरकार को परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए. प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को मजबूत करना और परीक्षा केंद्रों में निगरानी बढ़ाना आवश्यक है.
छात्रों को पेपर लीक न करने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए. उन्हें यह समझना चाहिए कि यह न केवल उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र को भी नुकसान पहुंचाता है.
नीट पेपर लीक घटना एक गंभीर अपराध है. इस घटना की गहन जांच होनी चाहिए और इसके दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए. सरकार को परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों. इसके अलावा, यह भी महत्वपूर्ण है कि हम इस घटना से सीख लें. हमें अपने शिक्षा तंत्र में सुधार करने और इसे अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की आवश्यकता है. केवल तभी हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और उन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का उचित अवसर मिले.