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Waqf Act: वक्फ संशोधन कानून पर अंतरिम आदेश आज, इन 3 मुद्दों पर SC करेगी फैसला, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

आज, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट Waqf संशोधन कानून, 2025 पर अंतरिम आदेश सुनाएगा, जिसमें Waqf संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाया गया है. कोर्ट तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला करेगा, जिसमें यह सवाल भी उठेगा कि क्या पहले से Waqf घोषित संपत्तियों को नए कानून के तहत रद्द किया जा सकता है.

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Edited By: Princy Sharma
Waqf Act
Courtesy: Pinterest

Waqf Act: आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट Waqf संशोधन कानून , 2025 पर अंतरिम आदेश सुनाएगा , जिसमें Waqf संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाया गया है. कोर्ट आज तीन अहम मुद्दों पर फैसला करेगा , जिसमें यह भी शामिल है कि क्या पहले से Waqf घोषित संपत्तियों को नए कानून के तहत रद्द किया जा सकता है. 

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अगुवाई वाली बेंच ने की थी और 22 मई को इन्होंने तीन दिन तक दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अंतरिम आदेश को सुरक्षित रखा था. यह कानून 8 अप्रैल को लागू हुआ था और इसके तहत 'Waqf by user' प्रावधान को हटा दिया गया है , जो बिना आधिकारिक दस्तावेजों के धार्मिक या चैरिटी कार्यों के लिए उपयोग की जाने वाली संपत्ति को Waqf मानता था.

तीन अहम मुद्दे

पहला मुद्दा यह है कि क्या पहले से Waqf घोषित संपत्तियों को अब कानून के तहत रद्द किया जा सकता है. दूसरा मुद्दा यह है कि राज्य Waqf बोर्ड और केंद्रीय Waqf परिषद की संरचना पर सवाल उठाए गए हैं , जहां याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इन बोर्डों में सिर्फ मुस्लिमों को ही काम करना चाहिए , सिवाय उन सदस्यों के जो पदेन सदस्य हैं. तीसरा मुद्दा एक प्रावधान से संबंधित है , जिसके तहत यदि एक कलेक्टर यह तय करता है कि कोई संपत्ति सरकारी जमीन है , तो उसे Waqf संपत्ति नहीं माना जाएगा. 

केंद्र का बचाव और याचिकाकर्ता की चुनौती

केंद्र सरकार ने इस कानून का बचाव करते हुए कहा कि Waqf का सेकुलर धार्मिक नहीं स्वभाव है और इसे संविधान के अनुसार माना जाता है. वहीं , वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल , जो याचिकाकर्ताओं का पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं , ने कहा कि यह कानून एतिहासिक कानूनी और संवैधानिक सिद्धांतों से पूरी तरह भटक गया है. उन्होंने इसे Waqf संपत्तियों को गैर-न्यायिक प्रक्रिया से कब्जा करने का एक तरीका बताया.

इससे पहले , अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय ने 25 अप्रैल को एक प्रारंभिक हलफनामा दायर किया था , जिसमें कानून का बचाव किया गया और सुप्रीम कोर्ट से इस पर कोई भी सम्पूर्ण स्थगन न देने की मांग की थी. 

कानून का पारित होना 

यह Waqf संशोधन कानून , 2025 8 अप्रैल को लागू हुआ था , जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे मंजूरी दी. यह कानून संसद में 288 वोटों के समर्थन और 232 वोटों के विरोध से लोकसभा में पारित हुआ था , जबकि राज्यसभा में 128 समर्थन और 95 विरोध वोट पड़े थे. इस कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का देशभर के मुस्लिम समुदाय के लिए क्या असर होगा , यह देखना होगा.