DY Chandrachud Bungalow Controversy: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ के द्वारा रिटायरमेंट के आठ महीने बाद भी सरकारी बंगले में रहने को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने कृष्ण मेनन मार्ग स्थित बंगला संख्या 5 को तुरंत खाली कराने के लिए गृह और शहरी कार्य मंत्रालय को पत्र लिखा है.
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में 33 न्यायाधीश हैं, जिनमें मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई भी शामिल हैं. 34 की स्वीकृत संख्या में से एक पद खाली है. इनमें से चार न्यायाधीशों को अब तक सरकारी आवास आवंटित नहीं किया गया है. तीन न्यायाधीश ट्रांजिट फ्लैट में रह रहे हैं, जबकि एक न्यायाधीश को राज्य अतिथि गृह में जगह मिली है. ऐसे में कोर्ट को तत्काल बंगले की जरूरत है.
नियमों के अनुसार, सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को 6 महीने तक सरकारी आवास (टाइप VII) में नि:शुल्क रहने की अनुमति होती है. लेकिन चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होने के बावजूद अब तक टाइप VIII बंगले में रह रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने पत्र में लिखा, '31 मई 2025 को अनुमति समाप्त हो चुकी है और 10 मई 2025 को 6 महीने की सीमा भी खत्म हो गई है, अतः तुरंत कब्जा लिया जाए.'
मीडिया से बातचीत में पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने कहा, 'मेरी बेटियों को विशेष देखभाल की जरूरत है. मैं फरवरी से नई जगह खोज रहा हूं, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला. होटल और सर्विस अपार्टमेंट्स आजमाए लेकिन उपयुक्त नहीं रहे.' उन्होंने बताया कि उन्होंने 28 अप्रैल को तत्कालीन CJI संजीव खन्ना को पत्र लिखकर 30 जून तक बंगले में रहने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
सरकार द्वारा चंद्रचूड़ को किराए की अस्थायी आवासीय सुविधा दी गई है, लेकिन वह पिछले दो साल से बंद थी और अभी मरम्मत का काम चल रहा है. 'मेरे अधिकांश सामान पैक हैं, मैं जल्द ही शिफ्ट हो जाऊंगा. यह मेरी मजबूरी है, इच्छा नहीं,' उन्होंने कहा.