मुंबई: डिजिटल इंडिया की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत महाराष्ट्र सरकार ने एलन मस्क की कंपनी Starlink Satellite Communications के साथ समझौता किया है. यह साझेदारी राज्य के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है.
इस पहल से न केवल सरकारी संस्थानों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि डिजिटल महाराष्ट्र मिशन को भी नई रफ्तार मिलेगी. भारत में स्टारलिंक की यह एंट्री 2026 की शुरुआत तक व्यावसायिक लॉन्च के साथ होने जा रही है.
महाराष्ट्र ने बुधवार को एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink के साथ Letter of Intent (LoI) साइन करते हुए भारत का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल किया. इस समझौते के तहत राज्य के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों जैसे गढ़चिरौली, नंदुरबार, धाराशिव और वाशिम जिलों में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू की जाएंगी. यह पहल सरकार के Digital Maharashtra Mission के तहत ग्रामीणों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य रखती है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस साझेदारी को राज्य के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि 'एलन मस्क की स्टारलिंक दुनिया की सबसे बड़ी सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनियों में से एक है. यह महाराष्ट्र के लिए गर्व की बात है कि कंपनी भारत में अपनी यात्रा की शुरुआत हमारे राज्य से कर रही है.' इस पहल से सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और पंचायत स्तर तक डिजिटल पहुंच को नई ऊंचाई मिलेगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टारलिंक भारत में 2026 की शुरुआत तक अपना पूर्ण व्यावसायिक लॉन्च करने जा रही है. Economic Times के अनुसार, कंपनी देशभर में कम से कम नौ सैटेलाइट गेटवे स्टेशन बना रही है, जिनमें मुंबई, नोएडा, कोलकाता, चंडीगढ़ और लखनऊ शामिल हैं. ये स्टेशन भारत के विभिन्न हिस्सों में इंटरनेट नेटवर्क को सशक्त बनाएंगे और ग्रामीण भारत को डिजिटल रूप से सशक्त करने में अहम भूमिका निभाएंगे.
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, जहां पहले से ही Jio Satellite और Eutelsat OneWeb जैसी कंपनियां सक्रिय हैं. अब स्टारलिंक के आगमन से इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और भी बढ़ेगी. कंपनी के पास पहले से ही 6,000 से अधिक लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स का विशाल नेटवर्क है. स्टारलिंक का लक्ष्य है कि भारत के सबसे दूरस्थ और पिछड़े इलाकों तक भी तेज और भरोसेमंद इंटरनेट पहुंचाया जाए.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस साझेदारी से महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश में डिजिटल क्रांति को गति मिलेगी. ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की सीमित पहुंच अब सैटेलाइट तकनीक के जरिए दूर की जा सकेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य और शासन के स्तर पर इसका बड़ा असर पड़ेगा. महाराष्ट्र की यह पहल भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है.