गुरुवार सुबह स्पाइसजेट की दिल्ली-काठमांडू फ्लाइट एक अप्रत्याशित स्थिति का शिकार हो गई. विमान के उड़ान भरने से पहले ही एयरपोर्ट पर मौजूद दूसरे विमान के क्रू ने इसकी टेल से आग जैसी लपटें देखीं. स्थिति को देखते हुए पायलटों ने सतर्कता बरतते हुए विमान को तुरंत वापस रनवे पर ले जाने का निर्णय लिया.
एयरलाइन के मुताबिक 11 सितंबर 2025 को स्पाइसजेट की फ्लाइट SG041, जो दिल्ली से काठमांडू के लिए रवाना होने वाली थी, को इसलिए रोकना पड़ा क्योंकि ग्राउंड पर खड़े एक अन्य विमान से इसके टेल से धुआं और लपटें निकलती दिखाई दीं. हालांकि विमान के कॉकपिट में न तो कोई अलार्म बजा और न ही सिस्टम ने कोई खतरे का संकेत दिया, फिर भी पायलटों ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विमान को वापस लौटाने का फैसला किया.
विमान को तुरंत ग्राउंड कर दिया गया और एयरलाइन की इंजीनियरिंग टीम ने इसकी गहन जांच की. चार घंटे तक चली जांच में किसी भी तरह की तकनीकी खराबी या खतरे की स्थिति नहीं पाई गई. एयरलाइन ने बयान जारी करते हुए कहा कि 'विमान में कोई असामान्यता नहीं मिली और सभी सुरक्षा मानक पूरी तरह सही पाए गए.' बावजूद इसके विमान को कुछ समय के लिए उड़ान से बाहर रखा गया.
फ्लाइट SG041 के यात्रियों को इस अप्रत्याशित स्थिति के कारण लंबा इंतजार करना पड़ा. यह विमान सुबह रवाना होना था, लेकिन संदिग्ध टेलपाइप फायर की सूचना के चलते उड़ान में चार घंटे से ज्यादा की देरी हो गई. इस दौरान यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना पड़ा. एयरलाइन ने यात्रियों को आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है.
स्पाइसजेट ने इस घटना के बाद यह स्पष्ट किया कि कंपनी सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं करती. एयरलाइन ने कहा कि 'हमारे लिए यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सबसे अहम है. किसी भी संदिग्ध स्थिति में हम सतर्क रहते हैं और तुरंत कार्रवाई करते हैं.' हालांकि यात्रियों को हुई असुविधा पर खेद जताया गया, लेकिन घटना ने यह भी साबित किया कि विमानन क्षेत्र में सुरक्षा नियम कितने सख्त और जरूरी हैं.