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India Daily

अब स्लीपर कोच में AC वाली फीलिंग, मिलेंगे चादर और तकिये, रेलवे ने की बड़ी घोषणा

दक्षिणी रेलवे 1 जनवरी से नॉन-AC स्लीपर कोच में चार्जेबल बेडरोल सर्विस शुरू करेगी. यात्री 20–50 रुपये में चादर-तकिया खरीद सकेंगे. यह सुविधा पहले चरण में 10 एक्सप्रेस ट्रेनों में लागू होगी और रेलवे को अतिरिक्त राजस्व भी देगी.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Paid Bedroll Service In Railway India Daily
Courtesy: Gemini AI

नई दिल्ली: स्लीपर कोच में यात्रा करनेवालों को अक्सर चादर और तकिये न मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन यात्रियों की इस परेशानी को ख़तम करने के लिए रेलवे ने बड़ा कदम उठाते हुए बड़ी घोषणा की है, जिससे यात्रियों का सफर अब और भी आरामदेह होगा. 

दरअसल, यात्रियों के आराम को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए, दक्षिणी रेलवे ने घोषणा की है कि नॉन-AC स्लीपर कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को जल्द ही पैसे देकर चादरें और तकिए मिलेंगे. नॉन-AC कोच के लिए यह नई लिनेन सर्विस 1 जनवरी से शुरू होगी, जो मौजूदा सिस्टम में एक बड़ा बदलाव है, जहाँ सिर्फ AC कोच में ही लिनेन दिया जाता है.

दक्षिणी रेलवे के अनुसार, नॉन-AC स्लीपर कोच में चार्जेबल बेडरोल सर्विस शुरू होने से हजारों यात्रियों को फायदा होने की उम्मीद है, खासकर मानसून और सर्दियों के मौसम में जब साफ और गर्म बिस्तर की मांग बढ़ जाती है.

चादरों और तकियों के लिए रेट फिक्स 

  • पूरा बेडरोल सेट (1 बेडशीट + 1 तकिया + तकिए का कवर): 50 रूपये
  • सिर्फ बेडशीट: 20 रूपये
  • कवर के साथ तकिया: 30 रूपये

10 एक्सप्रेस ट्रेनों में सर्विस शुरू होगी

रेलवे ने कन्फर्म किया है कि बेडशीट और पिलो सर्विस शुरू में चेन्नई से चलने वाली 10 बड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों में शुरू की जाएगी. इनमें शामिल हैं:-

  1. चेन्नई-मेट्टुपालयम नीलगिरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस
  2. चेन्नई-मैंगलोर सुपरफास्ट एक्सप्रेस
  3. चेन्नई एग्मोर-मन्नारगुडी एक्सप्रेस
  4. चेन्नई एग्मोर-तिरुचेंदूर सुपरफास्ट एक्सप्रेस
  5. चेन्नई-पलक्कड़ एक्सप्रेस
  6. चेन्नई एग्मोर-सेंगोट्टई सिलम्बू सुपरफास्ट एक्सप्रेस
  7. तांबरम-नागरकोइल सुपरफास्ट एक्सप्रेस
  8. चेन्नई-तिरुवनंतपुरम सुपरफास्ट एक्सप्रेस
  9. चेन्नई-एलेप्पी सुपरफास्ट एक्सप्रेस
  10. चेन्नई एग्मोर-मैंगलोर एक्सप्रेस

इन ट्रेनों को शामिल करके, दक्षिणी रेलवे का मकसद इस इलाके के कुछ सबसे बिजी नॉन-AC रूट पर बेहतर पैसेंजर सुविधाएं लाना है.

सफल पायलट प्रोजेक्ट

यह पहल 2023–24 के दौरान न्यू इनोवेटिव नॉन-फेयर रेवेन्यू आइडियाज स्कीम (NINFRIS) के तहत चलाए गए एक पायलट प्रोजेक्ट को मिले बहुत अच्छे रिस्पॉन्स के बाद शुरू हुई है. इस सिस्टम के तहत, एक प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर बेडरोल की खरीद, मशीन से धुलाई, पैकिंग, लोडिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरेज को मैनेज करेगा.

दक्षिणी रेलवे का अनुमान है कि नॉन-AC बेडरोल सर्विस अगले तीन सालों में चेन्नई डिवीजन के लिए ₹28.27 लाख का रेवेन्यू जेनरेट करेगी, और साथ ही पूरे ट्रैवल एक्सपीरियंस को भी बेहतर बनाएगी.