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India Daily

सिक्किम में भारी बारिश, लैंडस्लाइड, बाढ़ से तबाही, 1200 पर्यटकों फंसे; बचाव कार्य ठप

Northeast Update: उत्तर सिक्किम के लाचेन और लाचुंग क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण 1200 से ज्यादा घरेलू पर्यटक और दो विदेशी नागरिक फंसे हुए हैं.

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Edited By: Princy Sharma
North Sikkim Flood
Courtesy: X

North Sikkim Flood: उत्तर सिक्किम के लाचेन और लाचुंग क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण 1200 से ज्यादा घरेलू पर्यटक और दो विदेशी नागरिक फंसे हुए हैं. मंगन जिले में स्थित ये क्षेत्र पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. तेज बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है, पुलों को नुकसान पहुंचा है और तेजी से बढ़ रहे तीस्ता नदी के जलस्तर ने स्थिति और भी कठिन बना दी है.

अधिकारियों ने रविवार को बचाव कार्य शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन शुक्रवार रात को Shipgyer क्षेत्र में एक और भूस्खलन के बाद ये योजना रद्द हो गई. इसके अलावा, फिदांग बैली पुल को भी भारी नुकसान हुआ है. यह पुल 2023 के ग्लेशियल झील के पानी के फटने के बाद फिर से बनाया गया था, लेकिन तीस्ता नदी के बढ़ते पानी ने इसके आधार को कमजोर कर दिया है. 

पुल को किया ठीक

जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (GREF) ने रविवार को आंशिक रूप से पुल को ठीक किया, जिससे आपातकालीन वाहन और स्थानीय लोग पैदल यात्रा कर पा रहे हैं, लेकिन पुल का भविष्य अब भी अनिश्चित है. पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'हम उम्मीद कर रहे हैं कि सोमवार को बचाव कार्य शुरू हो सकेगा, लेकिन यह मौसम और सुरक्षा स्थितियों पर निर्भर करेगा. हम हाालत पर पूरी तरह से नजर रख रहे हैं.'

वहीं, 29 मई को मुंशीथांग में एक पर्यटक वाहन तीस्ता नदी में गिर जाने के बाद लापता हुए नौ लोगों की तलाश जारी है. नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण यह तलाशी और भी मुश्किल हो गई है. भूटिया ने बताया कि वाहन दो दिन पहले नदी में दिखाई दिया था, लेकिन अब वह दिखाई नहीं दे रहा है. 

स्थानीय नेताओं ने जताई नाराजगी

स्थानीय नेताओं ने भी बुनियादी ढांचे की मरम्मत को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. मंगन के जिला पंचायत उपाध्यक्ष सोनम कीपा भूटिया ने GREF की मरम्मत कार्यों को नाकाफी बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र मौजूदा बारिश के कारण और भी ज्यादा जोखिम में है. 'लगभग 700 से 800 पर्यटक ऊंचे क्षेत्रों में अभी भी फंसे हो सकते हैं.' 

फिदांग बैली पुल इस क्षेत्र के लिए जीवनरेखा है और स्थानीय निवासी इसके गिरने को लेकर चिंतित हैं. मिकमार त्सेरिंग लेपचा, एक स्थानीय नागरिक, ने स्थिति की गंभीरता को बताया, 'अगर यह पुल गिरता है, तो आधा उत्तर सिक्किम कट जाएगा और डोंगू जैसे क्षेत्रों में आवश्यक आपूर्ति भी रुक जाएगी.'

अधिकारियों पर इस पुल के पास एक बैकअप बांस के पुल की मरम्मत का दबाव है, लेकिन अधिकारियों ने इसे नकारते हुए कहा कि फिलहाल फिदांग पुल की स्थिति को ठीक करना प्राथमिकता है. स्थानीय लोग पुल पर पैदल चलकर यात्रा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें डर है कि अगर यह पुल टूट गया तो उन्हें लंबे समय तक अलग-थलग रहना पड़ सकता है.