Shivaji Statue Collapse: छत्रपति शिवाजी की मूर्ति ढहाने के मामले में आरोपी 39 साल के आर्टिस्ट और जेजे स्कूल ऑफ आर्ट के पूर्व छात्र को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया. परिवार और दोस्तों की ओर से उसे अधिकारियों के सामने सरेंडर करने के लिए मनाने के प्रयासों के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. सिंधुदुर्ग और ठाणे पुलिस की टीमें कल्याण निवासी मूर्तिकार जयदीप आप्टे की तलाश कर रही थीं.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आप्टे की आखिरी लोकेशन तब मिली, जब वो और उसका एक दोस्त 10 दिन पहले मालवन के लिए रवाना हुए थे, ताकि उस जगह का दौरा कर सकें जहां मूर्ति स्थापित की गई थी. आप्टे को बुधवार को उनके घर के बाहर से गिरफ्तार किया गया. वे अपने परिवार से मिलने वापस आ रहे थे.
पुलिस के अनुसार, आप्टे ने अपनी पत्नी से संपर्क किया था और उन्हें बताया था कि वे घर लौट रहे हैं. इसके बाद आप्टे की पत्नी ने ये जानकारी पुलिस को दी. पुलिस सूत्रों के अनुसार आप्टे का परिवार चिंतित था और चाहता था कि आप्टे घर लौट आएं और जांच में सहयोग करें. पुलिस अब जांच को आगे बढ़ाने के लिए मूर्तिकार के साथ मालवन के लिए रवाना हो गई है.
आप्टे पहली बार 2019 में उस वक्त चर्चा में आए, जब उन्हें यूके स्थित सिख सोल्जर ऑर्गनाइजेशन की ओर से ब्रिटिश सेना में दो विश्व युद्धों में लड़ने वालों के सम्मान में एक सिख सैनिक की कांस्य प्रतिमा बनाने का काम सौंपा गया था. इसका अनावरण वेस्ट यॉर्कशायर में किया गया था. उन्होंने गुजरात में दांडी स्मारक के लिए महात्मा गांधी के बेटे मणिलाल की एक प्रतिमा भी बनाई.
मालवन में शिवाजी की जिस मूर्ति के लिए उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट जीता था, वो 35 फीट ऊंची मूर्ति थी. एक पारिवारिक मित्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जयदीप एक अच्छे मूर्तिकार हैं, लेकिन ये सच है कि उन्हें बड़ी मूर्ति बनाने का अनुभव नहीं था. हालांकि, मुझे यकीन है कि वह भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं होंगे... यह एक गलती थी. एक अन्य पारिवारिक मित्र ने कहा कि जयदीप आप्टे के पिता, जिनका कुछ साल पहले निधन हो गया था, एक बड़ी कंपनी में काम करते थे, जबकि उनकी एक बहन है जो शादी के बाद विदेश में बस गई है.
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