Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के सत्ता में आने के बाद पहली बार गुरुवार को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती मनाई गई. दो टुकड़ों में विभाजित हो चुकी शिवसेना पार्टी के दोनों गुटों ने इस खास मौके को अपने-अपने तरीके में मनाया. मुंबई के अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए.
पार्टी द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों में दोनों गुटों ने जनता के सामने बाल ठाकरे की विरासत पर अपनी दावेदारी का दावा कर रहे थे. हालांकि इस मौके पर मुंबई से कुछ दूर पुणे में भी विभिन्न आयोजन किए गए थे. जिसमें से एक कार्यक्रम के दौरान दोनों गठबंधनों की एक-एक पार्टी के प्रमुख नेता साथ बैठे नजर आएं.
पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख अजित पवार एक साथ नजर आए. हालांकि मिल रही जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे के अंदर मुलाकात हुई. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. इस मुलाकात से पहले अजित पवार की मां ने दोनों दलों के एक हो जाने की कामना भी की थी. जिसके कारण एक बार फिर से इस सवाल पर चर्चा शुरू हो गया है कि क्या चाचा-भतीजा एक बार फिर एक होने वाले हैं. हालांकि शिवसेना नेताओं द्वारा लगातार यह दावा किया जा रहा है कि जल्द ही महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिप्टी सीएम अजीत पवार ने इस मुलाकात की वजह सुगर इंडस्ट्री से संबंधित मुद्दों पर चर्चा बताई है. इस बैठक में सहकारिता विभाग, ऊर्जा विभाग, कृषि और एक्साइज के प्रतिनिधि भी मौजूद थे, जो की इस इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं. वहीं एसपी के अन्य विधायकों का कहना है कि दो कप्तानों के विचारों और चर्चे का हमें स्वागत करना चाहिए.
वहीं बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि इस चर्चा का स्वरूप राजनीतिक था या नहीं, अगर चर्चा होनी थी तो अजित दादा को पार्टी के अंदर भी बात करनी चाहिए थी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि शायद यह पारिवारिक मामला भी हो सकता है. आपको बता दें कि इससे पहले भी अजित पवार और शरद पवार के बीच नजदीकियां देखी गई थी. अजित पवार के कहने पर शरद पवार ने पुरस्कारों के तहत दी जाने वाली पुरस्कार राशि को 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का ऐलान किया था.