Rajasthan Election 2023: राजस्थान का चुनावी रण रोचक हो चला है. कांग्रेस, बीजेपी समेत तमाम दल चुनावी रणनीतियों को बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस महीने के अंत में या अगले महीने की शुरूआत में बीजेपी और कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है. इस विधानसभा चुनाव में तमाम नेताओं का सियासी भविष्य दांव पर लगा हुआ है.
कोटा उत्तर विधानसभा सीट से 1998 शांति धारीवाल कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए. उसके बाद 2003 में मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला बीजेपी के टिकट पर विधायक बनकर विधानसभा में पंहुचे. 2008 शांति धारीवाल कांग्रेस तो 2013 में प्रह्लाद गुंजल बीजेपी के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए. उसके बाद 2018 में शांति धारीवाल कांग्रेस के टिकट पर तीसरी बार विधायक बनकर गहलोत सरकार में मंत्री बने.
राजस्थान की सियासत के सरताज माने जाने वाले शांति कुमार धारीवाल का इस बार राजस्थान के रण में चुनावी परीक्षा होनी है. कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र से लोकप्रिय विधायक शांति कुमार धारीवाल सूबे की सियासत में हमेशा चर्चा के केंद्र में बने रहते है. धारीवाल कांग्रेस के दिग्गज नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. धारीवाल की सियासी अहमियत इस बात से ही पता चलता है कि गहलोत ने अपनी तीनों ही सरकार में उन्हें जगह दी और मंत्रिमंडल में नंबर दो की हैसियत में रखा.
विधानसभा में धारीवाल एक मात्र मंत्री हैं, जिन्होंने सदा विपक्ष के हमलों के सामने सरकार को मुश्किल स्थितियों में बचाया है. साल 2020 में सचिन पायलट गुट की बगावत के समय भी शांति कुमार धारीवाल गहलोत के लिए संकट मोचक साबित हुए थे. उन्हें सरकार का ट्रबल शूटर माना जाता है. राजस्थान के जैन समुदाय से आने वाले शांति धारीवाल कोटा उत्तर से तीन बार विधायक और कोटा लोकसभा से एक कार्यकाल के लिए संसद सदस्य रहे. 2020 में अशोक गहलोत के लिए संकट मोचक बनकर उभरे और राजस्थान में कांग्रेस के फंड मैनेजर भी माने जाते हैं.
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