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India Daily

'लगाए गए आरोपों पर SEBI खींच रही पैर.. रवैया लचर..',अडानी-हिंडनबर्ग जांच मामले में कांग्रेस का बड़ा हमला

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि बुनियादी तथ्य यह है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ठीक एक साल पहले सार्वजनिक डोमेन में आई थी और एक साल से सेबी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों पर अपने पैर खींच रहा है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
SEBI

हाइलाइट्स

  • अडानी-हिंडनबर्ग जांच मामले में कांग्रेस का बड़ा हमला
  • लगाए गए आरोपों पर SEBI खींच रही पैर, रवैया बेहद लचर

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में गौतम अडानी को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों पर सेबी की जांच में दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को इस मामले की जांच के लिए 3 महीने का और वक्त दिया है. इसी बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच में सुस्त रवैये के लिए सेबी की आलोचना की है. 

'लगाए गए आरोपों पर SEBI खींच रही पैर.. रवैया लचर..'

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा "बुनियादी तथ्य यह है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ठीक एक साल पहले सार्वजनिक डोमेन में आई थी और एक साल से सेबी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों पर अपने पैर खींच रहा है. अगर इतने संवेदनशील मामले में जांच पूरी होने में एक साल लग जाता है, तो इससे पता चलता है कि सेबी का रवैया कितना लचर है. अगर सेबी चाहती तो बहुत पहले ही जांच पूरी कर सकती थी और हमने इस मामले को बार-बार वित्त की संसदीय स्थायी समिति में भी उठाया था."

SEBI ही इस मामले की करेगी जांच 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अदानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच एक्सचेंज बोर्ड और सेबी से लेकर एसआईटी या सीबीआई को स्थानांतरित करने से साफ-तौर पर इनकार कर दिया. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, पीएस पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि कोर्ट को सेबी के अधिकार क्षेत्र मे दखल देने का सीमित अधिकार है. SEBI ही इस मामले की जांच करेगी, SIT को जांच ट्रांसफर नहीं की जाएगी. SC ने SEBI को 24 मामलों में से लंबित दो मामलों की जांच तीन महीने के भीतर पूरी करने को कहा है. 

अडानी समूह की ओर से आरोपों का खंडन

यह मामला शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट का हिस्सा से संबंधित है कि अडानी ने अपने शेयर की कीमतें बढ़ा दी थी. इन आरोपों के प्रकाशित होने के बाद विभिन्न अदानी कंपनियों के शेयर मूल्य में कथित तौर पर 100 बिलियन डॉलर की भारी गिरावट आई. अडानी समूह ने आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया है और कहा है कि वह सभी कानूनी पहलुओं का पालन करता है.