Amarnath Yatra 2025: जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अस्थायी रूप से स्थगित अमरनाथ यात्रा शुक्रवार 18 जुलाई को फिर से शुरू हो गई है. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि तीर्थयात्रियों को नुनवान (पहलगाम) और बालटाल आधार शिविरों से एक बार फिर पवित्र गुफा मंदिर की ओर बढ़ने की अनुमति दे दी गई है.
गुरुवार 17 जुलाई को भारी बारिश के कारण भूस्खलन और पत्थर गिरने के कारण खड़ी पहाड़ी रास्ते यात्रा के लिए असुरक्षित हो गए थे, जिसके कारण यात्रा स्थगित कर दी गई थी. अधिकारियों ने प्रभावित मार्गों की तत्काल मरम्मत और रखरखाव के लिए आवाजाही रोक दी थी.
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) के अनुसार, 3 जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से 2.51 लाख तीर्थयात्री अमरनाथ गुफा मंदिर में सफलतापूर्वक दर्शन कर चुके हैं. अकेले गुरुवार को ही मार्ग बंद होने से पहले 5,110 श्रद्धालु प्रार्थना करने में सफल रहे. 38 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 9 अगस्त तक जारी रहेगी. अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले से उत्पन्न शुरुआती आशंकाओं के बावजूद, श्रद्धालुओं की संख्या अच्छी और उत्साहपूर्ण बनी हुई है.
गुरुवार को यात्रा स्थगित करने का निर्णय दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण लिया गया, जिसके बाद अधिकारियों ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी. कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा कि मरम्मत कार्य आवश्यक है और किसी भी तीर्थयात्री को किसी भी आधार शिविर से ऊपर जाने की अनुमति नहीं है. हालांकि, पंचतरणी से बालटाल तक तीर्थयात्रियों को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मियों और पर्वतीय बचाव दल की निगरानी में उतरने की अनुमति दी गई.
जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष तीर्थयात्रा में रिकॉर्ड भीड़ उमड़ सकती है. उन्होंने कहा, "पहलगाम हमले के बाद, ऐसा लग रहा था कि लोग नहीं आएंगे. लेकिन अब, हम 2.5 लाख को पार कर चुके हैं. अगर यही गति जारी रही, तो हम 3.5 लाख तक पहुँच सकते हैं."
अमरनाथ यात्रा दक्षिण कश्मीर के हिमालय में भगवान शिव को समर्पित 3,880 मीटर ऊँचे गुफा मंदिर तक की एक वार्षिक आध्यात्मिक यात्रा है. भारत भर से और यहाँ तक कि विदेशों से भी तीर्थयात्री हर साल इस कठिन यात्रा पर आते हैं, जो आस्था, भक्ति और धैर्य का प्रमाण है.