संजय रॉय, जिन्हें हाल ही में कोलकाता की सीलदह कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप-मर्डर केस में दोषी ठहराया, उनकी बड़ी बहन ने कहा कि परिवार का कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का कोई इरादा नहीं है. भवानीपुर इलाके में मीडिया से बात करते हुए संजय रॉय की बहन ने अपनी पहचान उजागर न करने की इच्छा जाहिर की और कहा कि वह कोर्ट में नहीं गई थीं. उन्होंने कहा, "कृपया मुझे अकेला छोड़ दें. हम टूट चुके हैं."
"अगर उन्होंने अपराध किया है, तो सजा मिलनी चाहिए"
"वह एक सामान्य बच्चा था"
संजय रॉय की बहन ने कहा कि उनका भाई बचपन में एक सामान्य बच्चा था. हालांकि, बड़ा होने के बाद वह शराब का आदी हो गया था. संजय की बहन ने आगे कहा कि "मैंने कभी नहीं सुना कि उन्होंने महिलाओं के साथ बदसलूकी की हो. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हमारा कोई नियमित संपर्क नहीं था, इसलिए उनकी संगत और संभावित अपराधों के बारे में मुझे जानकारी नहीं है,"
मां ने बनाई मीडिया से दूरी
संजय रॉय की मां ने मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और मीडिया से अनुरोध किया कि वे उन्हें अकेला छोड़ दें. परिवार के पड़ोसी उमेश महतो ने कहा, "अगर वह इस घिनौने अपराध में दोषी हैं, तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए. लेकिन अगर इसमें अन्य लोग शामिल हैं, तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाना चाहिए."
किन धाराओं में मिली सजा
संजय रॉय को 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के एक सेमिनार हॉल में एक पीजी छात्रा डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने उन्हें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 (बलात्कार), 66 (मृत्यु) और 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी करार दिया.