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MP में सहकारी बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी के घर रेड, पांच करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति का भंडाफोड़

मध्य प्रदेश में इस घटना ने साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार और पुलिस विभाग ने अपनी कार्यवाही को और भी मजबूत किया है. इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों में ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.

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Edited By: Reepu Kumari
Discharge of disproportionate assets worth Rs 5 crore of retired co-operative bank employee in MP
Courtesy: Google

MP EOW Corruption: मध्य प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को उज्जैन जिले में एक सेवानिवृत्त सहकारी बैंक अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. अधिकारियों ने उनके घर पर छापेमारी की और पांच करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का खुलासा किया है.

यह कार्रवाई बैंक अधिकारियों के खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार जांच के तहत की गई थी.

सेवानिवृत्त सहायक प्रबंधक के घर से बरामद संपत्ति

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के अनुसार, जिला सहकारी बैंक के पूर्व सहायक प्रबंधक, अनिल सुहाने के आवास से बड़ी मात्रा में संपत्ति बरामद हुई. इस दौरान उनके घर से पांच लाख रुपये नकद प्राप्त हुए. इसके अलावा, बैंक अधिकारी के पास अन्य संपत्तियों का भी खुलासा हुआ, जिनकी कीमत पांच करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है.

अधिकारियों की गिरफ्तारी की संभावना

ईओडब्ल्यू ने बताया कि सुहाने के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य आर्थिक अपराधों के आरोप लगाए जा रहे हैं. एक ईओडब्ल्यू अधिकारी ने कहा, 'सुहाने ने बैंक के सहायक प्रबंधक के पद पर रहते हुए अपनी आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की. यह पूरी तरह से अवैध है और हम इसकी पूरी जांच कर रहे हैं." अधिकारी ने यह भी कहा कि बैंक में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर अनिल सुहाने ने कई गड़बड़ियां की थीं.

आगे की जांच और कार्रवाई

ईओडब्ल्यू ने बताया कि यह केवल शुरुआत है, और जांच टीम अब यह निर्धारित करेगी कि सुहाने ने इन संपत्तियों को कैसे अर्जित किया और इसके पीछे कौन-कौन से लोग शामिल हो सकते हैं. इस मामले में कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आने की संभावना है, और अगर किसी और की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

राज्य में भ्रष्टाचार पर कड़ी नजर

मध्य प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा का यह कदम राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मुहिम का अहम हिस्सा है. राज्य सरकार ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति के मामले में कड़ी कार्रवाई करें.

मध्य प्रदेश में इस घटना ने साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार और पुलिस विभाग ने अपनी कार्यवाही को और भी मजबूत किया है. इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों में ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.

(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)