Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में गुरुवार को देर रात धरने पर बैठे बीजेपी चीफ सुकांत मजूमदार को पुलिस ने डिटेन कर लिया. हालांकि, कुछ देर बाद उन्हें बंगाल पुलिस ने रिहा कर दिया. मजूमदार शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हुए थे.
मजूमदार ने बताया कि पुलिस ने उन्हें जबरन उठाया जबकि हम शांतिपूर्वक सरकार से जालिम शेख को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे. पुलिस वालों ने हमसे कहा कि हमने धारा 144 का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि मुझे गिरफ्तार किया गया और फिर एक जमानत बांड पर साइन करने के लिए कहा गया और बाद में रिहा कर दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि हम अपनी आवाज उठाना और विरोध करना जारी रखेंगे जब तक कि हमारे कार्यकर्ताओं को संदेशखली जाने की अनुमति नहीं मिलती.
संदेशखाली में जमीन कब्जाने और महिलाओं पर हो रहे कथित उत्पीड़न का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. दरअसल, संदेशखली में रहने वाली महिलाओं ने टीएमसी के एक दिग्गज नेता शाहजहां शेख समेत उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने के साथ-साथ यौन उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है. इस मामले में बीजेपी समेत कई दल ममता सरकार पर हमलावर है.
इस बीच संदेशखाली से लगातार पीड़ित महिलाएं सामने आ रहीं हैं और अपने साथ हुए आपबीती को बता रहीं हैं. इसी कड़ी में बुधवार को एक पीड़ित महिला सामने आई और बताया कि हैवानों ने उसके साथ कैसे हैवानियत की. संदेशखाली की महिलाओं के जहन में एक ही सवाल है कि क्या हम अपना मान सम्मान वापस पा सकेंगे? संदेशखाली की एक महिला से कहा कि सीएम ममता बनर्जी के बारे में क्या ही कहें, सीएम ने हमारे बारे में कभी नहीं पूछा, वह हमसे कभी नहीं मिलीं. महिला ने आगे कहा कि सीएम खुद भी एक महिला हैं इसके बाद भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे साथ क्या हुआ है.
संदेशखाली की एक पीड़ित महिला ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है. महिला ने कहा कि हमने कई बार शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ. महिला ने पुलिस के कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया. ममता बनर्जी को आड़े हाथ लेते हुए पीड़िता ने कहा कि वह क्या कर रही हैं? क्या वह नहीं देख सकतीं कि यहां क्या हो रहा है? क्या वह अंधी हैं? वह अंधी हैं. पीड़िता ने आगे कहा कि सीएम ममता 1000 रुपए में समझौता करने की कोशिश कर रही हैं, हम ऐसा नहीं चाहते. हम केवल सम्मान और शांति चाहते हैं. हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं.
संदेशखाली की एक अन्य पीड़ित महिला ने कहा कि हमें अपनी गरिमा और जमीन वापस चाहिए. क्या हमें हमारा सम्मान वापस मिलेगा. बंगाल पुलिस पर हमला बोलते हुए महिला ने कहा कि यहां कि पुलिस शाहजहां, शिबू, उत्तम, संजू समेत अन्य आरोपियों को कभी हिरासत में नहीं लेगी. महिला ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि वे पुलिस हैं या गुंडे.
एक अन्य महिला ने बताया कि महिला होकर भी सीएम ममता हमलोगों का दर्द नहीं समझ रहीं हैं. हम महिलाओं को बैठक करने के नाम पर रात को 12 बजे पार्टी ऑफिस में बुलाया जाता है. महिला ने आगे कहा कि हमारे द्वारा इंकार करने पर हमारे पति को कहीं दूर ट्रांसफर कर देने की धमकी दी जाती है. इस तिकड़ी का गांव में इतना आतंक है कि कुछ महिलाएं सूर्यास्त के बाद बाहर निकलने से डरती हैं। क्या हम ऐसे ही दिन के लिए जी रहे हैं?