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India Daily

संसद सुरक्षा चूक मामले में रिटायर्ड पुलिसकर्मी का बेटा गिरफ्तार, जानें पुलिस ने कैसे गिरफ्तारी को दिया अंजाम?

लोकसभा सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कर्नाटक के विद्यागिरी से एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को हिरासत में लिया है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Parliament security lapse case

हाइलाइट्स

  • संसद सुरक्षा चूक मामले में आरोपी मनोरंजन डी का दोस्त गिरफ्तार
  • दिल्ली पुलिस ने आरोपियों का बयान किया दर्ज 

नई दिल्ली: लोकसभा सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कर्नाटक के विद्यागिरी से एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को हिरासत में लिया है. मनोरंजन डी के दोस्त साईं कृष्ण जगली को दिल्ली पुलिस ने कर्नाटक के बागलकोट जिले से गिरफ्तार किया है. तकनीकी विशेषज्ञ साई कृष्णा मनोरंजन डी को जानता था. सागर शर्मा और मनोरंजन डी ये दोनों वो शख्स है जो 13 दिसंबर को संसद सत्र के शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा सदन में कूद पड़े और पीला धुंआ छिड़क दिया था. 

साई कृष्णा तकनीकी विशेषज्ञ 

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक साई कृष्णा कर्नाटक पुलिस के एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी का बेटा है. साई कृष्णा तकनीकी विशेषज्ञ है जो बागलकोट में है और घर से काम कर रहा था. रात 10 बजे दिल्ली पुलिस ने साई कृष्णा को बागलकोट से उसकी बहन के घर से हिरासत में लिया है और पूछताछ के लिए दिल्ली लाया गया है.साई कृष्णा उस इंजीनियरिंग कॉलेज में मनोरंजन डी के रूममेट था जहां वे दोनों एक साथ पढ़ते थे. 

दिल्ली पुलिस ने आरोपियों का बयान किया दर्ज 

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने मामले के सिलसिले में उत्तर प्रदेश से एक और व्यक्ति को हिरासत में लिया. रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल के अतुल कुलक्षेत्र जलालपुर के रहने वाले हैं. संसद की सुरक्षा में सेंधमारी मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की है. इन सभी को आज कोर्ट में पेश करने से पहले पूछताछ कर इनका बयान रिकॉर्ड किया गया है. 

आरोपियों की पुलिस हिरासत खत्म 

चारों आरोपियों सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीमल और अमोल शिंदे की पुलिस हिरासत गुरुवार को खत्म हो रही है. मामले में गिरफ्तार दो अन्य आरोपी ललित झा और महेश कुमावत हैं. गिरफ्तार किए गए छह आरोपी भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बने आधा दर्जन व्हाट्सएप ग्रुपों का हिस्सा थे. आरोपी और इन समूहों के अन्य सदस्य नियमित रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों और विचारों पर चर्चा करते थे और संबंधित वीडियो क्लिप भी साझा करते थे.