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क्या भजनलाल पर पहले से था भाजपा का ध्यान? राजस्थान के नए CM की जानें पूरी Inside Story

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ओबीसी चेहरे मुख्यमंत्री बने हैं तो वहीं राजस्थान में भजन लाल शर्मा को सीएम बनाकर भाजपा ने ब्राह्मण कार्ड खेला है. भजन लाल को सीएम बनाने के फैसले को राजनीतिक पंडित कोई नया नहीं बता रहे हैं, बल्कि इसे पहले से की प्लानिंग का हिस्सा कहा जा रहा है.

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Edited By: Naresh Chaudhary
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हाइलाइट्स

  • पर्यवेक्षकों के सामने विधायक दल की बैठक, ...और भजनलाल बन गए सीएम
  • दो बड़े कारणों को देखकर राजनीतिक पंडितो ने जताई प्री-प्लानिंग की आशंका

Rajasthan CM Bhajan Lal Sharma: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. भाजपा ने तीन राज्यों में सत्ता हासिल की है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा है. साथ ही दोनों राज्यों में भाजपा की जीत भी चौंकाने वाली रही. ऐसे में भाजपा ने नए सीएम फेस देकर भी सभी चौंका दिया. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ओबीसी चेहरे मुख्यमंत्री बने हैं, तो वहीं राजस्थान में भजन लाल शर्मा को सीएम बनाकर भाजपा ने ब्राह्मण कार्ड खेला है. जानकारों का कहना है कि भजन लाल को सीएम बनाना कोई औचक फैसला नहीं है, बल्कि ये पहले से की गई प्लानिंग का हिस्सा था.

पर्यवेक्षकों के सामने विधायक दल की बैठक, और भजनलाल...

राजस्थान में भाजपा ने 199 विधानसभा सीटों में से 115 सीटों पर जीत हासिल की है. कांग्रेस को हराकर और प्रचंड बहुमत लेकर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के मुखिया को लेकर कड़ी मशक्कत दिखाई. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से राजनाथ सिंह समेत तीन पर्यवेक्षक भी भेजे गए. मंगलवार को पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक हुई और देर शाम को भजन लाल शर्मा का नाम सीएम पद के लिए नामित किया गया. लोगों का कहना है कि विधायक दल की बैठक से पहले भजनलाल शर्मा का कहीं कोई नाम नहीं था, लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि पार्टी ने पहले से इसकी प्लानिंग कर रखी थी.

सांगानेर सीट से चुनाव लड़ाना प्लानिंग का हिस्सा!

हालांकि चुनाव तो सभी राज्यों में रोमांचक रहा, लेकिन राजस्थान की कई सीटें खासी चर्चाओं में रहीं. इन्हीं में से एक सीट था सांगानेर विधानसभा सीट. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यहां भाजपा ने सिटिंग विधायक का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को टिकट दिया. इस सीट पर भाजपा का साल 2003 से कब्जा है. यानी एक तरह से ये भाजपा की सुरक्षित सीट है. माना जा रहा है कि भजनलाल को इस सुरक्षित सीट से चुनाव में उतारना भाजपा की रणनीति थी. 

संगठन और संघ के साथ काम का बड़ा तजुर्बा

जानकारों का मानना और कहना है कि भजनलाल को संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करने का काफी तजुर्बा है. हालांकि प्रशासनिक प्रबंधन में उनका ज्यादा अनुभव नहीं है. साथ ही कहा जाता है कि भजनलाल शर्मा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेहद विश्वासपात्र और करीबी भी हैं. पॉलीटिकल साइंस में पीजी, छात्र राजनीति में सक्रियता और गांव की पंचायत से भजनलाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की.