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चुनाव आयोग के सामने झुकेंगे राहुल गांधी! वोट चोरी के दावे पर EC लेगा एक्शन, माफी और शपथ पत्र ने नीचे कुछ मंजूर नहीं

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला और उनसे कहा कि वे अपने चुनावी धोखाधड़ी के आरोपों को औपचारिक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करके साबित करें या राष्ट्र से माफी मांगें.

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Edited By: Garima Singh
Election Commission of India 
Courtesy: X

Election Commission of India: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला और उनसे कहा कि वे अपने चुनावी धोखाधड़ी के आरोपों को औपचारिक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करके साबित करें या राष्ट्र से माफी मांगें. आयोग के सूत्रों ने साफ़ किया, "अगर राहुल गांधी अपने विश्लेषण पर विश्वास करते हैं और मानते हैं कि चुनाव आयोग पर उनके आरोप सही हैं, तो उन्हें घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. अगर राहुल गांधी घोषणापत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो इसका मतलब होगा कि उन्हें अपने विश्लेषण, उसके निष्कर्षों और बेतुके आरोपों पर विश्वास नहीं है. ऐसी स्थिति में उन्हें देश से माफ़ी मांगनी चाहिए."

गुरुवार को कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में राहुल गांधी ने 1,00,250 वोटों में गड़बड़ी और अन्य अनियमितताओं का आरोप लगाया था. उन्होंने आयोग की मांग को खारिज करते हुए कहा, "मैं एक राजनेता हूं, मैं जनता से जो कहता हूं, वही मेरा वचन है. मैं इसे जनता से सार्वजनिक रूप से कह रहा हूं, इसे शपथ की तरह लीजिए. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने इस जानकारी से इनकार नहीं किया है." उन्होंने चुनाव आयोग पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर लोकतंत्र को कमजोर करने का भी आरोप लगाया. साथ ही, उन्होंने "चुनावी धोखाधड़ी" में शामिल मतदान अधिकारियों को चेतावनी दी कि विपक्ष के सत्ता में आने पर उन्हें परिणाम भुगतने होंगे.

कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में हुई गड़बड़ी 

राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने उन्हें पत्र भेजकर उन मतदाताओं के नाम मांगे, जिन्हें कथित तौर पर गलत तरीके से मतदाता सूची में शामिल किया गया या हटाया गया. साथ ही, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के तहत हस्ताक्षरित शपथ की मांग की गई, ताकि "आवश्यक कार्यवाही" शुरू हो सके. कर्नाटक के सीईओ ने जोर देकर कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मतदाता सूचियां पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती हैं और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ साझा की जाती हैं.

सीसीटीवी फुटेज पर सवाल

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर सीसीटीवी और वेबकास्टिंग फुटेज को 45 दिनों में नष्ट करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने "सबूत नष्ट" करने की साजिश बताया. उन्होंने कहा, "यह 21वीं सदी है, आप हार्ड ड्राइव में जितना चाहें उतना डेटा रख सकते हैं, यहां तक कि 10 साल पुराना डेटा भी, लेकिन चुनाव आयोग सीसीटीवी फुटेज को 45 दिनों में नष्ट करना चाहता है." आयोग ने कहा कि राहुल गांधी 12 जून को भेजे गए पत्र का जवाब देने में विफल रहे, जिसमें उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा इलेक्शन में "धांधली" के दावों को साबित करने के लिए सबूत देने को कहा गया था. आयोग के सूत्रों ने सवाल उठाया, "क्यों? क्या इसलिए कि उनके मीडिया बयान निराधार थे?" गांधी ने यह भी दावा किया कि आगामी बिहार चुनावों में ऐसी अनियमितताएं दोहराई जा सकती हैं.