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सीएम गहलोत की बढ़ी मुश्किल, न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के बयान पर राजस्थान हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

Ashok Gehlot: हाई कोर्ट ने सीएम गहलोत से कहा है कि वह अपने बयान कि 'अदालतों में भ्रष्टाचार है और वकील फैसले लिखते हैं' पर सफाई पेश करें और बताएं कि उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का आधार क्या है.

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Sagar Bhardwaj

नई दिल्ली: राज्य की न्यायपालिका में भ्रष्टाचार की बात कहकर सीएम गहलोत ने मुसीबत मोल ले ली है. राजस्थान हाईकोर्ट ने उनके इस बयान को लेकर उन्हें नोटिफिकेशन जारी किया है. यह नोटिस पूर्व न्यायिक अधिकारी और वकील शिवचरन गुप्ता द्वारा दाखिल की गई जनहित याचिका (PIL) के जवाब में जारी किया गया है.

'सीएम बताएं कि उनके आरोपों का आधार क्या है'

हाई कोर्ट ने सीएम गहलोत से कहा है कि वह अपने बयान कि 'अदालतों में भ्रष्टाचार है और वकील फैसले लिखते हैं' पर सफाई पेश करें और बताएं कि उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का आधार क्या है.

सीएम का आरोप ख्याति प्राप्त जजों और कानूनविदों की साख पर हमला

सीएम गहलोत के बयान को लेकर अदालत में जो पीआईएल दाखिल की गई है उसमें कहा गया है कि सीएम गहलोत के आरोप ख्याति प्राप्त जजों और कानूनविदों की साख पर हमला है. इसमें आगे कहा गया है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.

पीआईएल दाखिल करने वाले वकील शिवचरन गुप्ता ने कहा कि कोर्ट द्वारा जारी किए गए नोटिस पर सीएम गहलोत से तीन हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी.

दो दिन पहले लिया था यूटर्न
हालांकि सीएम गहलोत ने दो दिन पहले अपने इस बयान पर यूटर्न लेते हुए कहा था कि मैंने ज्यूडिशियरी में भ्रष्टाचार को लेकर जो कहा वह मेरी निजी राय नहीं है. मैंने सुना है कि कई वकील जो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं, अदालत से वही फैसला आता है.

उन्होंने कहा था कि मैंने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है और उस पर विश्वास जताया है. सुप्रीम कोर्ट ने अनेकों रिटायर्ड जजों और रिटायर्ड चीफ जस्टिसों ने समय-समय पर ज्यूडिशियरी में करप्शन पर  टिप्पणी की हैं और उस पर चिंता जताई है.

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