असम में 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्य दौरे पर न सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संगठित किया, बल्कि सरमा को सीधे-सीधे जेल भेजने की चेतावनी भी दी. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने असम की जनता की संपत्तियों को कॉरपोरेट्स को बेच दिया और अब उन्हें अपने किए की सज़ा भुगतनी होगी.
चायगांव में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरमा खुद को मुख्यमंत्री नहीं, असम का राजा समझते हैं और राज्य की ज़मीन को अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों को सौंप रहे हैं. राहुल ने कहा, “उनकी आवाज़ में डर साफ झलकता है क्योंकि वे जानते हैं कि एक दिन कांग्रेस का बब्बर शेर उन्हें पकड़कर जेल में डालेगा.” उन्होंने यह भी कहा कि न नरेंद्र मोदी और न ही अमित शाह, कोई भी हिमंत को बचा नहीं पाएगा.
धुबरी में हाल ही में हुए बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान, जिसमें 1400 से अधिक परिवारों को हटाया गया, को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि असम में कभी सोलर प्रोजेक्ट, कभी रिसॉर्ट, तो कभी थर्मल पावर प्लांट के नाम पर लोगों की ज़मीन छीनी जा रही है. खड़गे ने वादा किया कि जिनका घर तोड़ा गया है, कांग्रेस सरकार फिर से उनरे घर बनाएगी और जो लोग ज़िम्मेदार हैं उन्हें जेल भेजा जाएगा.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी और चुनाव आयोग बिहार में वोटर लिस्ट से गरीबों, किसानों और विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं के नाम हटा रही है और असम में भी यही करने की योजना है. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने की अपील की और कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह बीजेपी के इशारों पर काम कर रहा है.
राहुल और खड़गे के दौरे के पीछे मुख्य उद्देश्य आगामी चुनाव की तैयारी और पार्टी के अंदर संगठनात्मक मज़बूती था. कांग्रेस ने हाल ही में गौरव गोगोई को असम कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है और नए जिला अध्यक्षों और राजनीतिक मामलों की समिति का भी गठन किया है. यह दौरा उसी रणनीति का हिस्सा था जिसमें कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर आगामी चुनाव के लिए ज़मीन तैयार की जा रही है.